Tuesday, February 11, 2025

मेरठ में हथियार तस्कर अनिल बंजी की निशानदेही पर पिस्टल बरामद, गन हाउस की सेटिंग से चल रहा था खेल

मेरठ। पश्चिम उत्तर प्रदेश के कुख्यात संजीव जीवा गैंग से जुड़े हथियार तस्कर अनिल बंजी को रिमांड पर लेकर एसटीएफ ने पिस्टल बरामद की है। अनिल बंजी को लेकर टीम हरियाणा और पंजाब पहुंची और गिरोह के संबंध में जानकारियां जुटाईं है। आरोपी ने कुछ साथियों के नाम बताए हैं। इनकी गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ ने दबिश शुरू कर दी है। पूछताछ के बाद आरोपी को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया।

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एसटीएफ ने 23 नवंबर को मेरठ में यूपी पुलिस के दरोगा के बेटे रोहन को 17 बंदूकों के साथ पकड़ा था। उस दौरान अनिल बंजी और तीन अन्य फरार हो गए थे। जो बंदूक बरामद हुईं थीं, वे किसी लोकल फैक्टरी में नहीं बनी थीं। ये सब लाइसेंसी पुराने हथियार थे। जिनको गन हाउस मालिक द्वारा फर्जी तरीके से गैंग को बेचा गया था। हथियार तस्करी का गैंग लीडर अनिल बंजी इन हथियारों को प्रोफेशनल बदमाशों को सप्लाई करता था। अनिल बंजी मेरठ में सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विवि के प्रोफेसर पर जानलेवा हमले में जेल गया था। जमानत पर छूटने के बाद वह फिर से हथियार तस्करी से जुड़ गया। 20 दिसंबर को एसटीएफ ने अनिल बंजी को गिरफ्तार कर लिया था।

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एएसपी एसटीएफ बृजेश सिंह ने बताया कि गन हाउस पर नए हथियारों के अलावा ऐसे पुराने हथियार होते हैं जिनको लाइसेंसधारक सरेंडर कर देते हैं। अगर किसी लाइसेंसधारक की मौत हो गई और उसके परिवार वालों ने लाइसेंस नहीं बनवाया तो उससे अनुमति लेकर गन हाउस पर बेच दिया जाता है। बहुत से लोग हथियार पुराने होने की वजह से बेच देते हैं।

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अनिल बंजी ऐसे ही गन हाउस से सेटिंग कर हथियारों को 40 से 50 हजार रुपये प्रति बन्दूक तथा 100 रुपए प्रति कारतूस (315 बोर) खरीदता था। इसके बाद इन बंदूकों को यह लोग 80 हजार से एक लाख में और कारतूस को 200 से 250 रुपए में बेचते थे। गन हाउस का मालिक अनिल बंजी को असलाह व कारतूस किसी अन्य व्यक्ति के नाम से फर्जी रसीद काटकर देता था। फर्जी रसीदें अनिल बंजी अपने पास रखता था। इसके बाद हथियारों को बदमाशों को बेचा जाता था।

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