गाजियाबाद। सरकारी अस्पतालों में सेवानिवृत्त पूर्व सैनिकों, होमगार्ड्स और प्रशिक्षित सुरक्षाकर्मियों को नियुक्त करने की योजना अधर में है। अस्पतालों में चोरी की घटनाएं बढ़ रही हैं। महिला, जिला संयुक्त और एमएमजी अस्पताल में सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे तक ही दो होमगार्ड व्यवस्था बनाने में लगे रहते हैं लेकिन, रात में सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है।
पूर्व चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं की महानिदेशक डॉ. दीपा त्यागी ने अक्तूबर 2023 में प्रदेश के सभी सीएमएस और सीएमओ को चिकित्सा इकाइयों में पूर्व सैनिक, होमगार्ड और प्रशिक्षित सुरक्षाकर्मियों को रखने के निर्देश दिए थे। इन सुरक्षा गार्डों को अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में आउटसोर्सिंग पर रखने का निर्णय लिया गया था। एमएमजी अस्पताल, महिला अस्पताल, संयुक्त चिकित्सालय, लोनी संयुक्त चिकित्सालय, डासना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, लोनी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, मुरादनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, मोदीनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और भोजपुर पीएचसी में 68 सुरक्षा गार्डों को तैनाती होनी थी लेकिन, प्रशिक्षित सुरक्षा गार्ड रखने का मामला ठंडे बस्ते में चला गया।
अस्पतालों में ओपीडी के समय तक ही व्यवस्था बनाने के लिए दो-दो होमगार्ड मिलते हैं। ओपीडी के बाद अस्पतालों में सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं। महिला अस्पताल में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी चौकीदारी का काम कर रहे हैं।