Monday, December 23, 2024

मुज़फ्फरनगर में ‘नाकारा’ है नगरपालिका, सड़ रहा है शहर, लेकिन आपने फैलाई गंदगी तो मीनाक्षी स्वरुप वसूलने आ जाएंगी जुर्माना !

मुजफ्फरनगर। शहर में चेयरमैन बने कई महीने हो जाने  के बाद भी शहर में चारों तरफ फैली गंदगी का अभी तक चेयरमैन मीनाक्षी स्वरुप कोई इलाज नहीं कर पाई। शहर को इंदौर बनाने का वायदा कर रही थी लेकिन चारों तरफ गंदगी के ढेर लगे हुए हैं, शहर में हर तरफ गन्दगी फैली हुई है, ऐसे में अब चेयरमैन ने नया फरमान जारी कर दिया है कि यदि शहर में आपने गंदगी फैलाई तो आपसे जुर्माना वसूली की जाएगी। शहर में सफाई के कायदे कानून बनाने वाली चेयरमैन को सबसे पहले मुज़फ्फरनगर के एक नागरिक विभोर जैन की इस वीडियो को देखना चाहिए जो एशिया की सबसे बड़ी मंडी जाने के रास्ते की सफाई की हालत बताती है जिसके लिए मीनाक्षी स्वरुप की नगरपालिका खुद जिम्मेदार है –

 

चारो तरफ गन्दगी से अटे पड़े शहर  में अपनी नाकारा नगरपालिका को सुधारने के बजाय शहर को स्वच्छ बनाने के नाम पर  नगर पालिका परिषद् की चेयरपर्सन अब लोगों की गन्दगी फैलाने की आदत को छुड़ाने के लिए जुर्माना फार्मूला लाई हैं। इसके तहत जुर्माना राशि को बढ़ाये जाने के साथ ही इसको सख्ती के साथ लागू करने की भी तैयारी है। उनके द्वारा जुर्माना राशि में भी कई गुना बढ़ोतरी की गयी है। इसमें सार्वजनिक स्थानों पर गन्दगी फैलाने, थूमने, पेशाब करने, कपड़े या वाहनों की धुलाई करने, पालतू जानवरों को घुमाकर गंदगी फैलाने पर भारी जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही डेयरी मालिकों पर गोबर बहाने के लिए 10  से 3० हजार रुपये जुर्माना करने की भी तैयारी है।

नगरपालिका परिषद् की चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप अपने कार्यकाल की तीसरी बोर्ड बैठक करने की तैयारी कर रही हैं। 4 सितम्बर को बोर्ड बैठक प्रस्तावित है, इसके लिए एजेंडा जारी किया जा चुका है। चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप ने कार्यभार ग्रहण करने के साथ ही शहर को स्वच्छ और सुन्दर बनाने के लिए लोगों से सहयोग की अपील की थी, इसके साथ ही उन्होंने शहर में यहां वहां गन्दगी फैलाने की लोगों की आदत पर अंकुश लगाने के लिए जुर्माना तय करने की बात भी कई बार कही हैं।

अब वो अपनी इस बात को नियम कायदों के साथ लागू करने की तैयारी में है। इसके लिए 4 सितम्बर की बोर्ड बैठक में फैसला होने की संभावना है। बोर्ड बैठक के लिए जारी एजेंडा के प्रस्ताव संख्या 125 में जनहित और पालिका हित में शहरी क्षेत्र को खुले में शौच से मुक्त करने, ठोस अपशिष्ट निपटान के लिए 2019 में बनाई गई उपविधि को प्रभावी करते हुए लागू करने की तैयारी की गई है। इसमें पूर्व में तय जुर्माना राशि में दो गुना से पांच गुना तक वृद्धि की गई है।

गन्दगी फैलाने के लिए उपविधि में जुर्माना के लिए बनाई गई 29 श्रेणियों में जुर्माना राशि लगाने या उनके खिलाफ सख्त नियम बनाने का काम किया गया है। इसमें शहर में सार्वजनिक स्थान पर कहीं पर थूकने या पेशाब करने के लिए जुर्माना राशि 100 से बढ़ाकर 250 रुपये करने का प्रस्ताव किया गया है। इसके साथ ही अपशिष्ट (गन्दगी) फैलाने या फैंकने पर अब 500 के बजाये 1000 रुपये जुर्माना देना होगा। इसके साथ ही यदि कोई व्यक्ति कपड़े-वाहन धोता पाया जाता है तो उस 1500 से 3000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जायेगा। जानवरों को प्रतिबंधित क्षेत्र में खिलाना घुमाना भी भारी पड़ सकता है, पकड़े जाने पर पालिका 1500 रुपये जुर्माना वसूल सकती है।

सार्वजनिक स्थान, नदी, तालाब में गंदगी फैलाने पर जुर्माना राशि 3000  रुपये रहेगी। पार्क, घाट आदि स्थानों पर सफाई हो जाने के बाद गंदगी-कूड़ा डालने वालों पर 2000 रुपये जुर्माना लगाया जायेगा। सड़कों के डिवाईडर या अन्य स्थानों पर पोस्टर चिपकाना भी भारी पड़ेगा, ऐसा करने पर 2000 रुपये जुर्माना होगा। पालतु पशुओं को खुला छोड़कर सड़कों पर उनके मल-मूत्र से गन्दगी फैलाने व उनसे आवागमन अवरोध पैदा करने पर 2000  रुपये जुर्माना होगा।

पालिका चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप ने इसमें शहरी क्षेत्र में गन्दगी की स्रोत बनी दूध की डेयरियों पर भी अंकुश लगाने का काम किया है। नाले नालियों में गोबर बहाने वाले पशुपालकों पर 10 से 30 हजार रुपये तक का जुर्माना तय किया गया है। पहले ये 2 से 25 हजार रुपये तक निर्धारित था। किसी परिसर में 24 घंटे से ज्यादा कूड़ा-करकट जमा करने वालों पर 1500 , बायोमेडिकल अपशिष्ट को डम्प करने पर 20000, निर्माण कार्य के दौरान मलबे के निस्तारण पर 1000  रुपये प्रति टन और उसको ले जाने वाले वाहन का खर्च वसूला जायेगा।

पालतू जानवरों के अपशिष्ट गलियों, सड़कों में फेंकने पर 2500  रुपये,  पालतू पशुओं ने कहीं कूड़ा फैलाया तो 2500  रुपये, मैरिज होम, सार्वजनिक सम्मेलन, समारोह में 24 घंटे बाद तक भी सफाई नहीं कराने पर सफाई में होने वाले खर्च की वसूली होगी। तीन साल के भीतर पुन: उल्लंघन करने पर जुर्माना राशि का पांच गुना शुल्क वसूलने का नियम भी लागू किया गया है। इसमें प्रतिबंधित पॉलीथिन, थर्माकॉल की बिक्री व उपयोग रोकने के लिए अधिशासी अधिकारी को कार्यवाही का अधिकारी दिया गया है।

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