नई दिल्ली। वक्फ (संशोधन) विधेयक पर विचार करने के लिए बनी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट गुरुवार को लोकसभा और राज्यसभा के पटल पर रखी जाएगी। इससे पहले, वक्फ पर बनी जेपीसी के चेयरमैन जगदम्बिका पाल ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज कार्यसूची पर बिजनेस एडवाइजरी की राय से यह रखा है। वक्फ के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) बनाई जाए, जिसमें दोनों सदनों के सदस्य हों और एक विस्तृत चर्चा हो सके, जिससे पूरे देश के हितधारकों से बातचीत की जा सके। उसी आधार पर हम एक पारदर्शी रिपोर्ट चाहते थे।
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वह हमने किया। पहले सर्दियों में हमें यह रिपोर्ट देनी थी, लेकिन तब तक हमने दक्षिणी राज्यों का दौरा किया। फिर हमने स्पीकर साहब से आग्रह किया था और उन्होंने बजट सत्र तक समय बढ़ा दिया। उन्होंने कहा कि लोकसभा और राज्यसभा के पटल पर रखी गई यह रिपोर्ट पिछले छह महीनों की लगातार बैठकों के बाद तैयार हुई है और हम इसे आज प्रस्तुत कर रहे हैं। हमारे कुछ सदस्य कह रहे हैं कि हमारी असहमति है, हमारी बातें नहीं सुनी गईं। लेकिन उनकी बातें हम छह महीने तक लगातार सुनते रहे। उनके द्वारा सुझाए गए संशोधनों पर हमने वोटिंग की, जो संसद की प्रक्रिया है।
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उन्होंने आगे कहा कि किसी भी कानून पर सहमति-असहमति हो सकती है, किसी रिपोर्ट पर भी हो सकती है। इसका तरीका यही है कि उस पर वोट किया जाता है। हमने सभी पर वोट कराया, जो भी बहुमत में था, उसे अपनाया और जो अल्पमत में था, उसे नकारा। इसके बाद भी, रिपोर्ट के अनुमोदन के बाद मैंने उनसे असहमति का नोट मांगा, और जो असहमति का नोट उन्होंने दिया, उसे हमने रिपोर्ट में शामिल किया है। साथ ही, जिन-जिन हितधारकों से हम मिले हैं, उनके द्वारा कही गई बातें भी हम जेपीसी के साथ जोड़कर रख रहे हैं।