खतौली(मुजफ्फरनगर): गांव उमरपुर लिसोढ़ा निवासी जितेंद्र कुमार ने खतौली तहसील में सक्रिय एक युवक पर ठगी का आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी उमेश मिश्रा से शिकायत की है। अपनी शिकायत में जितेंद्र कुमार ने बताया कि वह बीते दिनों अपने दस्तावेजों की नकल निकलवाने के लिए तहसील गया था, जहां उसे एक युवक जॉनी कटारिया ने नकल निकलवाने के लिए दो हजार रुपए की राशि बताई। युवक ने जितेंद्र से दो हजार रुपए लेकर दो दिन बाद नकल लेने के लिए आने को कहा।
लेकिन जब जितेंद्र कुमार दो दिन बाद तहसील पहुंचे, तो युवक ने नकल निकलवाने के लिए आठ हजार रुपए और देने की मांग की। जितेंद्र का आरोप है कि युवक ने अतिरिक्त पैसे देने से मना करने पर अभद्रता की और कहा कि तहसील में कोई भी काम हज़ार दो हज़ार रुपए में नहीं होता, बल्कि हर काम के लिए आठ-दस हजार रुपए लगते हैं।
जितेंद्र कुमार ने यह भी आरोप लगाया कि युवक ने खाकी पैंट पहने हुए था और उसने कहा कि वह तहसील में सक्रिय रूप से काम करता है, जहां वह कभी पुलिस वाला, कभी वकील, कभी वकील का मुंशी, कभी राजस्वकर्मी और कभी किसी विभाग का बाबू बनकर लोगों को ठगता है। युवक ने यह भी स्वीकार किया कि उसके गलत कृत्यों की जानकारी तहसील के हर छोटे-बड़े अधिकारी को है और उसे कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि उसकी शिकायत करने से कुछ भी नहीं होने वाला है।
जितेंद्र कुमार ने बताया कि युवक द्वारा ठगे जाने से न केवल उसे मानसिक आघात पहुंचा, बल्कि समय पर नकल न मिलने के कारण उसे नुकसान भी हुआ। उन्होंने जिलाधिकारी उमेश मिश्रा से मांग की है कि इस ठग युवक की जांच कराकर उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
यह घटना खतौली तहसील में हो रही भ्रष्टाचार और ठगी की एक और मिसाल बन गई है, जबकि शासन-प्रशासन सरकारी कार्यालयों में पारदर्शिता और भ्रष्टाचार मुक्त कार्यवाही का दावा करता है।