Friday, April 11, 2025

ध्यान फाउंडेशन की किशनगंज गौशाला पर होते रहे हैं बार-बार हमले

मुंबई। ध्यान फाउंडेशन की किशनगंज गौशाला पर पिछले कुछ दिनों में अलग अलग तरह से हमले किए गए। चौंकाने वाली बात यह है कि सब कुछ एसडीएम, एसडीपीओ, जिला पशुपालन पदाधिकारी, नगर निगम परिषद चेयरमैन इंद्रदेव पासवान, आदि अफसरों के सामने हुआ।

ध्यान फाउंडेशन ने अपनी समस्याओं का खुलासा ध्यान आश्रम के अश्विनी गुरु जी के समक्ष किया। देश के हर कोने में गौ सेवा की ज्योति जलाने वाले, इन सदपुरुष ने ध्यान फाउंडेशन के अनुरोध पर मीडिया को ज़ूम कॉल के माध्यम से संबोधित किया। इस संबंध में कुछ विशेष बातों पर प्रकाश डाला गया,

ध्यान फाउंडेशन देश भर में 45 गौशाला के माध्यम से 70000 से अधिक बी.एस.एफ व पुलिस द्वारा बचाए गए गोवंश का पालन पोषण कर रही है। इस कार्य के लिए इन्हें देश की विभिन्न सरकारी व प्राइवेट संस्थाओं से पुरस्कार व सम्मान मि लेहैं। ग्रह मंत्रालय स्वयं उनके कार्य का समर्थन करता है।

इनकी सेवा कार्य को देखकर विभिन्न धर्मों (सिख, जैन, मुसलमान, और हिंदू) के धर्म गुरुओं ने उनकी सराहना की है और अपना समर्थन दिया है। गुरुजी ने कहा कि इस कार्य का धर्म से कोई संबंध नहीं है- पशु तस्कर हिंदू भी हैं और मुसलमान भी। वैसे ही ध्यान फाउंडेशन में गौ सेवा करने वाले हिन्दू भी हैं, सिख भी, ईसाई भी, जैन भी और मुसलमान भी। ध्यान फाउंडेशन के मुख्य लॉयर स्वयं शिराज कुरैशी हैं।

बीएसएफ़ के विभिन्न फ्रंटियर और बटालियन के डी.आई.जी, आई.जी, सी.ओ आदि ने इनकी गौशालाओं का निरीक्षण किया और यहाँ के प्रबंधन की प्रशंसा की है। उनके अनुसार ध्यान szdf के कारण जवानों पर कैटल माफियाओं के हमलों में कटौती हुई है और बॉर्डर पर गौ तस्करी भी लगभग रुक सी गई है।

यह भी पढ़ें :  अप्रैल 2025 की तपती चेतावनी: क्या अब भी नहीं जागोगे ?

और कैसे न हो, ध्यान फाउंडेशन को प्रतिदिन अलग अलग बटालियन से विवशता और लाचारी प्रकट करते हुए आवेदन पत्र प्राप्त होते हैं  और ध्यान फाउंडेशन प्रत्येक कॉल पर एक्शन लेता है। सिर्फ किशनगंज मेंही पिछले एक माह में बी॰एस॰एफ़ से १००० से अधिक गोवंश प्राप्त हुए हैं।

ज़ाहिर है, समाज में कुछ ऐसे भी तत्व हैं, ध्यान फाउंडेशन जिनकी आँख का काँटा और जेब का छेद बन गई है। आख़िर पशु तस्करी अरबों रुपए का अवैद्य व्यापार है जो सीधे रूप से आतंकवाद, हथियारों की तस्करी आदि देश-विरोधी गतिविधियों का प्रयोजन करती है।

ये लोग कभी गौशाला तक चारा पहुँचने का रास्ता खुदवा देते हैं, तो कभी गोवंश को किशनगंज से ध्यान फाउंडेशन की बड़ी गौशाला ले जाने वाले ट्रकों को भ्रष्ट अफसरों की ओट में जब्त कर लेते हैं। कभी नारेबाजी करते हैं, कभी आग लगाने जैसे हिंसात्मक  कार्य करते हैं, कभी कर्मचारियों को डराते है, कभी फाउंडेशन की महिला स्वयंसेवियों के साथ दुर्व्यवहार करते है। इन्होंने साल भर तक फाउंडेशन के 5 ट्रक पुलिस के पास रोके रखे। उनमें ले जाये जा रहे 60 गोवंश तस्करों में बाँट दिया और कोर्ट ऑर्डर मिलने पर भी रिलीज़ नहीं किए। कल ही इन्होंने पैसे के दम पर गौशाला से स्थानांतरण के लिए गोवंश ले जाने वाले 3 ट्रकों को रुकवा दिया लेकिन प्रशासन की मदद से उन बच्चों को 4 घंटे बाद छोड़ दिया गया |

ध्यान फाउंडेशन 2019 से किशनगंज क्षेत्र में गौ सेवा में सक्रिय है। इनके श्रम से यहाँ खुलेआम गौवंश के कटे सिरों के मेले लगने बंद हुए।

आज ध्यान फाउंडेशन से प्रश्न किया जा रहा है कि उन्हें सरकार से कितने फंड्स मिलते है- जवाब में विश्व भर में विस्तृत इनके डोनर्स आज की ज़ूम कॉल पर उपस्थित थे। गुरु जी ने बताया कि ध्यान फाउंडेशन को गोवंश के चारे पानी एवं औषधि के लिए गवर्नमेंट से कोई राशि नहीं मिलती। इनका दिन का 15 लाख रुपये खर्च  है- जो ये सभी डोनर्स, स्वयंसेवी, और साधक अपने निजी फंड से एकत्रित करते हैं। गुरु जी स्वयं फाउंडेशन में एक स्वयंसेवी की भांति योगदान देते हैं, न तो वे फाउंडेशन में कोई अधिकारी ही हैं और न वक्ता – वे तो संन्यासी हैं।

यह भी पढ़ें :  सोशल मीडिया की "यारी", रिश्तों पर पड़ रही भारी
- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

76,719FansLike
5,532FollowersFollow
150,089SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय