Saturday, May 11, 2024

महापौर के गला काटने के बयान के बाद गाजियाबाद भाजपा में मचा घमासान, -पार्षद ने कहा, संगठन से करेंगे शिकायत

मुज़फ्फर नगर लोकसभा सीट से आप किसे सांसद चुनना चाहते हैं |

गाजियाबाद । गाजियाबाद नगर निगम बोर्ड बैठक में महापौर सुनीता दयाल द्वारा रिश्वत के मामले में गला काटने के बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी में घमासान मच गया है। इसको लेकर दोनों पक्षों ने गुरुवार को एक दूसरे पर आरोप लगाए। यह अलग बात है कि महापौर ने एक बयान में कहा कि उन्होंने गर्दन काटने के मामले में किसी का नाम नहीं लिया। वहीं पार्षद सचिन डागर ने कहा कि उन्होंने रिश्वतखोरी के आरोप में किसी का नाम नहीं लिया। इस मामले पर कहा कि निश्चित तौर पर महापौर ने उन्हें धमकी दी है जिसकी शिकायत पार्टी संगठन से करेंगे।

इसके अलावा कुछ व्यापारियों ने प्रेस कांफ्रेंस करके सचिन डागर पर रिश्वतखोरी का आरोप लगाया। इस पर पार्षद ने कहा कि महापौर के इशारे पर व्यापारियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। ऐसे में वो हर तरह की जांच करने को तैयार है। जो लोग आरोप लगा रहे हैं, महापौर ने उन्हें पुलिस से छुड़वाया।

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

पार्षद सचिन डागर ने प्रेसवार्ता कर इस प्रकरण की विस्तृत जांच कराने की मांग रखी है। उन्होंने आरोप लगाया कि जिस प्रकरण को उन्होंने बोर्ड बैठक में उठाया था। वह पूरी तरह सही है। इस मामले में निगम अधिकारियों ने रिश्वत लेकर पार्क की जमीन पर सड़क बनवा दी । वह इस आरोप पर अडिग है। उन्होंने कहा कि उद्यमियों ने स्वयं उनसे कहा था कि निगम को 30 लाख रुपये रिश्वत देकर सड़क बनवाई गई है। इस मामले में अपने मेयर द्वारा द्वारा दी गई धमकी को वह पार्टी आलाकमान को अवगत कराएंगे। उन्होंने कहा कि अगर इस मामले में निगम पाक साफ है तो उसे इसकी निष्पक्ष जांच करानी चाहिए। जांच में जो दोषी हो उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। दोषी पाए जाने पर वह स्वयं कार्रवाई के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि मेयर प्रकारण मामले में वह पार्टी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस मामले की जांच कराने की मांग रखेंगे।

इस मुद्दे को लेकर गुरुवार को राजेंद्र नगर इंडस्ट्रियल एरिया के व्यापारियों ने पार्षद पर ही रिश्वत लेने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले जब नाले को कवर करने की मांग को लेकर वे पार्षद से मिलने गए तो पार्षद ने उनसे एक करोड़ रुपये की मांग कर दी। पार्षद ने व्यापारियों से किस्तों में पैसे देने के लिए कहा। इसके बाद व्यापारियों ने पैसा एकत्रित कर स्वयं ही नाला कवर कर लिया। पैसा नहीं मिलने से नाराज पार्षद ने मेयर पर रिश्वत लेने का आरोप लगा दिया।

Related Articles

STAY CONNECTED

74,237FansLike
5,309FollowersFollow
47,101SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय