Thursday, April 24, 2025

पश्चिमी उप्र में दो दिन बाद होगी भारी बारिश, मुज़फ्फरनगर-शामली में आकाशीय बिजली गिरने की संभावना अधिक

कानपुर । दक्षिणी पश्चिमी मानसून की उत्तर प्रदेश से ट्रफ रेखा हटने से बारिश कमजोर हो गई थी, लेकिन अब एक बार फिर स्थितियां बारिश के लिए अनुकूल होती दिखाई दे रही हैं। मौसम विभाग का कहना है कि दो दिन बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भारी बारिश के आसार हैं। इसके साथ ही रविवार को कानपुर मण्डल में बादलों के साथ बूंदाबांदी के आसार बन गये हैं। वहीं रविवार को ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गरज-चमक के साथ आकाशीय बिजली गिरने की भी संभावना अधिक है।

चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एस एन सुनील पाण्डेय ने शनिवार को बताया कि निम्न दबाव रेखा जैसलमेर, राजस्थान, कोटा, रायसेन, चिंगवाड़ा, फोर्ट, उत्तरी आंध्र प्रदेश के दक्षिण-ओडिशा तट और निकटवर्ती पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी से निकली है। इसके साथ ही दक्षिण पूर्व की ओर पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी तक फैली हुई है। इससे एक बार फिर उत्तर प्रदेश में मानसून की सक्रियता बढ़ेगी।

मौसम पूर्वानुमान के अनुसार रविवार को अलीगढ, अमरोहा, बदायूं, बागपत, बरेली, बिजनौर, बुलंदशहर, गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ, मुरादाबाद, मुज़फ्फरनगर, पीलीभीत, रामपुर, सहारनपुर, संभल, शामली और आसपास के क्षेत्र में गरज-चमक के साथ आकाशीय बिजली गिरने की संभावना अधिक है। वहीं सोमवार को बहराइच, बिजनौर, लखीमपुर खीरी, मुज़फ्फरनगर, पीलीभीत, सहारनपुर, शाहजहाँपुर, शामली, सीतापुर, श्रावस्ती और आसपास के क्षेत्र में भारी बारिश की संभावना है।

[irp cats=”24”]

बताया कि कानपुर में अधिकतम तापमान 35.0 और न्यूनतम तापमान 28.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सुबह की सापेक्षिक आर्द्रता 76 और दोपहर की सापेक्षिक आर्द्रता 73 प्रतिशत रही। हवाओं की दिशाएं उत्तर पूर्व रहीं जिनकी औसत गति 10.9 किमी प्रति घंटा रही। कानपुर के पूर्वानुमान के अनुसार अगले पांच दिनों में हल्के बादल छाए रहने के कारण केवल बूंदाबांदी की ही संभावना है।

गरज चमक में यह बरतें सावधानियां

मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि आँधी-तूफान, आकाशीय बिजली आदि की स्थिति में घर पर ही रहें, खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें। खुले वाहनों में यात्रा करने से बचें और वाहन की खिड़कियां व छत बंद करके चलाएं। बिजली गिरने या गड़गड़ाहट की स्थिति में जितनी जल्दी हो सके सुरक्षित जगह पर आश्रय लें। पेड़ों और धातु की छतों के नीचे आश्रय न लें। सुरक्षित आश्रय न मिलने पर खुले में उकडू की स्थिति में पंजों के बल बैठे जिससे धरती से संपर्क न्यूनतम रहे। बिजली के खंभों और उन सभी चीजों से दूर रहें जो बिजली का संचालन करती हैं। खुले आसमान के नीचे चल रहे कृषि एवं अन्य कार्यों को अस्थायी तौर पर बंद कर देना चाहिये। कंक्रीट के फर्श पर या कंक्रीट की दीवारों पर न लेटें।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

80,337FansLike
5,552FollowersFollow
151,200SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय