मुरादाबाद। केंद्र सरकार ने बुधवार को लोकसभा में वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक पेश कर दिया। इसे लेकर भारतीय सूफी फाउंडेशन के अध्यक्ष कशिश वारसी ने कहा कि जो लोग इस बिल की मुखालफत कर रहे हैं, अगर उन लोगों ने वक्फ की जमीनों को कब्जामुक्त कर दिया होता तो इनका विरोध अच्छा लगता। उन्होंने पूछा कि आज तक वक्फ बोर्ड ने क्या किया है, जो हक गरीब मुस्लिम का था, उन्होंने उस हक को नहीं दिया।
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वक्फ की संपत्ति पर न कोई अस्पताल बना, न ही स्कूल, बस इसकी संपत्ति को बेचा गया है। वक्फ माफियाओं ने गरीब मुस्लिमों के लिए कहीं मकान बनाए हैं? बोर्ड ने कोई काम नहीं किया, सिवाय अपनी जेब भरने के। उन्होंने कहा कि अफसोस होता है मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और जो इसका विरोध कर रहे हैं। अगर उन्होंने गरीब मुसलमान के लिए काम किया होता तो वह इस बिल का विरोध करते हुए अच्छे लगते। कशिश वारसी ने एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी पर भी हमला बोला।
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उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि ओवैसी साहब जो इतनी जोरदार तकरीरें कर रहे हैं। उनके लोग वक्फ माफिया हैं। उन्हीं के लोगों ने संपत्ति को बेचते हुए कब्जे कराए हैं, जो लोग मुखालफत कर रहे हैं, उसके पीछे कोई बहुत गहरा राज है। उन लोगों का जेल जाने का नंबर आ गया है, जिन लोगों ने गरीब मुसलमान का हक मारा है और संपत्ति पर कब्जे कराए हैं। मैं इस बिल का स्वागत करता हूं।
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मैं सरकार से अपील करता हूं कि वक्फ बिल आने के बाद गरीब मुस्लिमों के लिए काम हो। उनके लिए अस्पताल, मकान और स्कूल बने। हम इसका समर्थन और स्वागत करते हैं। वहीं, अयोध्या हनुमान गढ़ी के पुजारी राजू दास ने कहा कि पहले तो हिंदू जनमानस और साधु-संतों की मांग थी कि मुस्लिमों के लिए कोई अलग से कानून नहीं होना चाहिए। जब एक तरफ लोकतंत्र की बात हो रही है। लोकतंत्र में आपने भारत को सेक्युलर बना दिया है। पहले तो भारत का बंटवारा हो गया। हिंदू हिन्दुस्तान में और मुस्लिम पाकिस्तान में। फिर भी मुस्लिम हिंदुस्तान में हैं तो इनके लिए अलग से विधान क्यों?