नोएडा। जनपद गौतमबुद्ध नगर में बुधवार को आए भीषण तूफान ने भारी तबाही मचा दी। तेज हवा के कारण जगह-जगह बिजली के खंभे, पेड़, विज्ञापन के लिए लगे यूनीपोल, मार्ग सूचक बोर्ड और मोबाइल फोन के टावर गिर गए। इस हादसे में दो वर्षीय मासूम सहित तीन लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। कई लोग घायल हुए हैं।
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जानकारी के अनुसार, थाना सूरजपुर क्षेत्र के ओमीक्रॉन तीन सेक्टर में स्थित मिगसन अल्टिमो सोसायटी में सबसे बड़ा हादसा हुआ। यहां आईटी इंजीनियर जितेंद्र की सास सुनीता और उनका दो साल का पोता सोसाइटी के पार्क में टहल रहे थे। अचानक आई तेज आंधी के दौरान 22वीं मंजिल पर रखी ग्रिल उनके ऊपर गिर गई, जिससे सुनीता की मौके पर ही मौत हो गई। दो वर्षीय मासूम को गंभीर हालत में पहले नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, फिर दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उपचार के दौरान उसकी भी मौत हो गई।
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इसके अलावा, एनटीपीसी टाउनशिप में इवनिंग वॉक पर गए शिक्षक रामकृष्ण के ऊपर अचानक एक पेड़ टूट कर गिर गया। वह पेड़ के नीचे दब गए और सिर में गंभीर चोट लगने से उनकी मौत हो गई।
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थाना सेक्टर-113 क्षेत्र के सेक्टर-75 स्थित ई एपेक्स एनथेना सोसाइटी में रहने वाली 49 वर्षीय अर्पणा सिंह के घर की खिड़की का शीशा तूफान के कारण टूट गया। टूटे हुए शीशे के टुकड़े उनके ऊपर गिर गए, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गईं। उन्हें नोएडा के कैलाश अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनके भांजे हर्षर्वथ ने बताया कि उनकी हालत नाजुक बनी हुई है।
तेज आंधी और बारिश के कारण गौतमबुद्ध नगर जिले के सौ से अधिक स्थानों पर पेड़, बिजली के खंभे, यूनीपोल, मार्ग सूचक बोर्ड और मोबाइल टावर गिर गए। देर रात तक ट्रैफिक पुलिस, नागरिक पुलिस और दमकल विभाग के जवान इन जगहों पर अवरुद्ध मार्गों को खोलने में जुटे रहे और लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया।
इस दौरान नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना विकास प्राधिकरण के अधिकारियों की लापरवाही भी सामने आई। आधुनिक शहर होते हुए भी आपदा प्रबंधन के लिए कोई प्रभावी व्यवस्था न होने के कारण पुलिस को प्राइवेट संस्थानों की मदद से मार्ग खुलवाने पड़े।
इस भयंकर तूफान ने न केवल जनजीवन अस्त-व्यस्त किया है, बल्कि प्रशासन की व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों ने अधिकारियों से बेहतर आपदा प्रबंधन और त्वरित राहत कार्य की मांग की है।