मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ने परीक्षा में अनुशासन बनाए रखने के लिए नकल पर सख्ती शुरू कर दी है। बुधवार को विश्वविद्यालय के सचल उड़नदस्ता दल ने औचक निरीक्षण कर नकल कर रहे छात्रों पर कार्रवाई की। इस कार्रवाई का नेतृत्व समन्वयक प्रो. शिवराज सिंह पुंडीर ने किया, जिनके साथ 14 सदस्यीय अनुभवी शिक्षकों की टीम थी। इस टीम में डॉ. रोहतास, डॉ. गौतम बैनर्जी, डॉ. जगवीर सिंह, डॉ. कविता अग्रवाल, डॉ. स्नेहवीर पुंडीर, डॉ. सीमा मलिक और डॉ. भीष्म जैसे शिक्षाविद शामिल थे।
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गाजियाबाद, बागपत, बुलंदशहर, हापुड़ और गौतम बुद्धनगर के विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर उड़नदस्ता दल के पहुंचते ही अफरा-तफरी मच गई। जांच के दौरान 22 छात्र-छात्राएं नकल करते हुए पकड़े गए, जिनके पास हाथ से लिखी पर्चियां, गाइड के फटे हुए पन्ने और संदिग्ध नोट्स पाए गए। इन सभी के खिलाफ तत्काल अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
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इसके अलावा, 168 छात्र-छात्राएं ऐसे मिले जिनके पास स्मार्ट वॉच, पहले से जानकारी अंकित प्रश्नपत्र और अन्य संदिग्ध सामग्री थी। इन छात्रों को कड़ी चेतावनी देकर छोड़ दिया गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्पष्ट संदेश दिया है कि अगली बार माफ़ी नहीं मिलेगी।
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कुलपति महोदया ने कहा कि, “परीक्षा की शुचिता और विश्वविद्यालय की गरिमा से कोई समझौता नहीं होगा। यह हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है कि शिक्षा के मंदिर में अनुशासन बना रहे।” छात्रों से आग्रह किया गया है कि वे नकल की प्रवृत्ति से बाहर निकलें, पढ़ाई पर ध्यान दें और आत्मविश्वास के साथ परीक्षा दें।
उड़नदस्ता दल आगे भी इसी तरह सक्रिय रहेगा और हर केंद्र पर निगरानी रखी जाएगी। अगली बार परीक्षा देने से पहले ध्यान रखें — अब नकल पर सख्त एक्शन तय है।