Thursday, January 23, 2025

आज श्राद्ध पक्ष का प्रथम श्राद्ध है !

आज श्राद्ध पक्ष का प्रथम श्राद्ध है। सच्चा श्राद्ध क्या है यह ज्ञान हमें अवश्य होना चाहिए। श्राद्ध के दो पक्ष हैं एक श्राद्ध और दूसरा तर्पण अर्थात श्रद्धा के साथ अपने पितरो को तृप्त किया जाये। पितिर भी दो हैं, जीवित पितिर और मृत पितर। भ्रमवश हमने पितर उन्हें ही मान लिया है, जो दिवंगत हो चुके हैं, किन्तु पितर तो वे भी हैं जो जीवित हैं।

माता-पिता, दादा-दादी, नाना-नानी, जो जीवित हैं वे जीवित पितर और जो दिवंगत हो चुके हैं वे मृत पितर। श्राद्ध दोनों का किया जाता है, जीवित पितरो का उनके जीवन में और मृत पितरो का इस श्राद्ध पक्ष में, किन्तु सच्चा श्राद्ध तो जीवित पितरों का ही है। उनके रहते पूर्ण श्राद्ध के साथ उनकी सेवा कर उन्हें तृप्त किया जाये, उनका आशीर्वाद लिया जाये, उन्हें आयु के इस पडाव में अपने खान-पान और वस्त्रों आदि से अधिक चाहत अपने सम्मान की होती है।

उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति का ध्यान करते हुए कुछ समय उनके पास बैठने के लिए भी निकाले, उनसे बात करे। उन्हें कोई कष्ट है तो उसका निवारण करे। इस आयु में रोग अधिक आक्रमण करते हैं। उनकी चिकित्सा और दवाई आदि का पूरा ध्यान रखें।

मृत पितरो का श्राद्ध यही है कि हमारे भविष्य को संवारने के लिए जो कार्य उन्होंने किये श्रद्धापूर्वक उनके उपकारों का स्मरण किया जाये। उनकी स्मृति में ऐसे कार्य किये जाये जो समाज हित के हों। भूखों को भोजन से तृप्त कराये तथा यथाशक्ति जरूरतमंदों की सहायता करें ताकि उनकी आत्मा को तृप्ति मिले। यदि हम जीवित पितरो का श्राद्ध नहीं करते तो उनकी मृत्यु के पश्चात उनके नाम पर हम चाहे कुछ भी करे, सब व्यर्थ है।

आपका भोजन करने वे आने वाले नहीं हैं। उनके जीते जी यदि हमने उनका सम्मान न किया, अपमान किया, उनकी सेवा न की, उन्हें तृप्त नहीं किया तो मृत्यु के पश्चात उनका श्राद्ध करने का अधिकार हमें नहीं है।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,735FansLike
5,484FollowersFollow
140,071SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय

error: Content is protected !!