Monday, December 23, 2024

शुक्रतीर्थ में पुण्यतिथि पर महान संत को दी श्रद्धांजलि,शिक्षा ऋषि के कार्यों का किया उल्लेख

मोरना। शिक्षाऋषि वीतराग स्वामी कल्याणदेव महाराज की 2०वीं पुण्यतिथि शुकदेव आश्रम में मनाई गयी। आयोजित श्रद्धांजलि सभा में साधु संतों, जन प्रतिनिधियों व सामाजिक कार्यकर्ताओं सहित गणमान्य व्यक्तियों ने ब्रह्मलीन संत को श्रद्धांजलि अर्पित कर नमन किया व हवन यज्ञ में आहूति प्रदान की गयी। इस अवसर पर विभिन्न आठ भाषाओं में छपी शुकतीर्थ साहित्य नामक पुस्तिका का विमोचन भी किया गया। महाभारत कालीन तीर्थ नगरी शुकतीर्थ के जीर्णोद्धारक सैकडों शिक्षण संस्थाओं के संस्थापक, पदम श्री, पदम् भूषण से सम्मानित आध्यात्मिक संत स्वामी कल्याणदेव महाराज की पुण्यतिथि रविवार को श्रद्धा पूर्वक मनाई गयी।

ब्रह्मलीन संत के परम शिष्य व शुकदेव आश्रम के अधीष्ठा स्वामी ओमानन्द महाराज ने गुरू पादुका पूजन कर समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की तथा आयोजित हवन में मंत्रोच्चारण के बीच आहूति दी गयी। श्रद्धांजलि सभा में स्वामी ओमानन्द ने कहा कि स्वामी कल्याणदेव ने कहा कि 1876 में जन्मे  जन्मे महान संत में तीन सदियों के बड़े समय अंतराल व बड़े परिवर्तन के साक्षी रहे। सैंकड़ों  शिक्षण संस्थानों में आज हज़ारो छात्र अध्ययन कर देश विदेश में सफलता के आयाम स्थापित कर रहे हैं। धार्मिक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक तीर्थ स्थलों के जीर्णोद्धार का महान कार्य उन्होने किया। गुलामी के समय अंतराल में शुकतीर्थ जीर्ण-क्षीर्ण हालत में हो गया था।

पूज्य स्वामी द्वारा शुकतीर्थ का जीर्णोद्धार किया गया। आज शुकतीर्थ धर्म, सँस्कृति, सभ्यता, अध्यात्म का प्रतीक है। स्वामीजी प्रत्येक कार्य को ईश्वर का कार्य समझ कर करते थे। इसलिये प्रत्येक कार्य सफल होता।स्वामी जी जीवन लोक को समर्पित रहा। स्वामी ने योग साधना के साथ लोक साधना का कार्य किया। स्वामी का जीवन आदर्शों की पराकाष्ठा है। ऐसे तपस्वी संत के दर्शन से पुण्य प्राप्त होता है।

बिजनौर सांसद चंदन सिंह चौहान ने कहा कि शुकतीर्थ, हस्तिनापुर, विदुरकुटी जैसे धार्मिक स्थल उनकी लोकसभा क्षेत्र में है। यह सौभाग्य की बात है। स्वामी कल्याणदेव संतरूपी देवता थे। शिक्षा से ही राष्ट्र का विकास होता है। ब्रह्मलीन स्वामी ने शिक्षा के अनेक मंदिर स्थापित कर ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा की अलख जगाने का काम किया।

सांसद हरेन्द्र मलिक ने कहा कि बृह्मलीन सन्त ने शिक्षा को आमजन तक पहुंचाने का काम किया आज शिक्षा की दुकानें खोली जा रही हैं। संस्कार हीन इन दुकानों में मात्रा दिखावा कर शिक्षा को बेंचने का काम किया जा रहा है। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि बृह्मलीन स्वामी ने ग्रामीण क्षेत्र में सैकड़ों स्कूल कॉलिज की स्थापना कर शिक्षा के क्षेत्र में प्रशंसनीय कार्य किया।

सहारनपुर आयुक्त ऋषिकेश भास्कर यशोद, मंत्री अनिल कुमार, योगराज सिंह, बागपत सांसद राजकुमार सागवान, युद्धवीर सिंह, गुरिदत्त आर्य आदि ने अपने सम्बोधन में बृह्मलीन सन्त के जीवन से शिक्षा लेने पर बल दिया। इस अवसर पर कनक प्रभानन्द सरस्वती,महामंडलेश्वर स्वामी गोपालदास महाराज, गोरधन दास महाराज, कुंवर देवराज पंवार, युवा भाजपा नेता अमित राठी अजय कृष्ण शास्त्री, विनोद शर्मा, डॉ. अमित ठाकरान, प्रदीप निर्वाल, अजीत राठी, संजय राठी, सन्दीप मलिक, गिरिशचंद उप्रेति, अचल शास्त्री, सुमन शास्त्री, उपजिलाधिकारी जानसठ सुबोध कुमार, क्षेत्राधिकारी, प्रेम शंकर मिश्रा, थाना प्रभारी निरीक्षक विनोद कुमार सिंह, सरदार बलविंदर सिंह, आनन्द कुमार, नरेन्द्र कुमार श्रृंगी, सतीश कुमार, रजत सभासद आदि उपस्थित रहे। सभा की अध्यक्षता स्वामी ओमानन्द महाराज व संचालन ओमदत्त आर्य ने किया। शुकतीर्थ साहित्य पुस्तक का विमोचन किया- शुकतीर्थ के साढे पांच हजार वर्ष के प्राचीन इतिहास के ज्ञान व शुकतीर्थ की महत्ता तथा विशेषता पर प्रकाश डालने वाली पुस्तक शुकतीर्थ साहित्य जिसका प्रकाशन शुकदेव आश्रम से किया जाता है। पुस्तक के नये संस्करण का विमोचन श्रद्धांजलि सभा में मुख्य अतिथियों द्वारा किया गया।

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