Sunday, April 27, 2025

गांवों पर आईं आफत, घरों में घुसा पानी, मजबूरी में ग्रामीणों का पलायन शुरू

मेरठ। मेरठ के हस्तिनापुर में गंगा का जलस्तर बढ़ने से हालात बाढ जैसे पैदा हो गए हैं। वहीं गंगा का जलस्तर बढ़ने से आज तटबंध टूट गया। तटबंध टूटने से 12 गांवों में पानी भर गया, जिससे हाहाकार मचा हुआ है। वहीं, ग्रामीणों को मजबूरी में पलायन करना पड़ रहा है।

पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश से गंगा में पानी के तेज बहाव के चलते खादर क्षेत्र के गांव सिरजेपुर के पास गंगा का तटबंध टूट गया। इससे सिरजेपुर सहित 12 गांवों में पानी भर गया। चारों और जंगल भी जलमग्न हो गया। कुछ घरों के भीतर पानी घुस गया। ग्रामीणों ने सुरक्षित स्थानों पर पलायन शुरू कर दिया।
लगातार बारिश से गंगा नदी पिछले तीन दिनों से उफान पर है। मंगलवार को गंगा का जलस्तर दो लाख क्यूसेक पर पहुंच गया था। इससे कच्चे तटबंध की स्थिति कई स्थानों से नाजुक बन गई थी। वहीं, बुधवार शाम तीन बजे गंगा का जलस्तर बिजनौर बैराज से एक लाख 68 हजार क्यूसेक पहुंच गया।

इसी बीच बुधवार को सिरजेपुर गांव के पास गंगा का तटबंध टूट गया। आधे गांव में पानी भर गया। सिरजोपुर के साथ-साथ हादीपुर गांवड़ी, किशनपुर, लतीफपुर, भीमकुंड, दूधली खादर, राठौरा कला आदि गांव के चारों ओर पानी पहुंच चुका है। गांवों के चारों ओर पूरा जंगल जलमग्न हो गया। गांव के आसपास खड़े भूसे के स्टॉक में भी पानी भर गया।

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वहीं, मवेशियों के लिए चारे की व्यवस्था करने के लिए किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गांव में जाने के संपर्क मार्ग पर भी तीन से चार फीट पानी है। ग्रामीणों की सूचना पर गांव पहुंचे अधिकारियों ने ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाना शुरू किया। शाम तक गंगा का जलस्तर धीरे-धीरे घटता रहा लेकिन, पटवन से पानी रुकने का सिलसिला बंद नहीं हुआ। मौके पर पहुंचे अधिकारी, राजस्व और सिंचाई विभाग के अफसर नजर बनाए हुए हैं।
हस्तिनापुर के सिरजेपुर गांव के समीप तटबंध टूटने की सूचना पर एडीएम प्रशासन सूर्यकांत त्रिपाठी, एसडीएम अखिलेश यादव, नायब तहसीलदार सचिन चौधरी, लेखपाल नीरज एवं जितेंद्र वर्मा सहित सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे।

इसके बाद मजदूरों की सहायता से टूटे तटबंध पर प्लास्टिक के मिट्टी के बैग लगाकर पानी को रोकने की कोशिश की गई। लेकिन गंगा का जलस्तर अधिक होने के कारण गंगा से बाहर निकल रहा पानी नहीं रुक सका। इससे कई गांवों और जंगलों में पानी पहुंच गया।

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