प्रयागराज । प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद का परिवार भले ही बर्बाद हो गया। जिसे अतीक ने स्वीकार भी किया है। लेकिन अभी अतीक के कई साथी ऐसे हैं जो खुलेआम घूम रहे हैं। जिन्होंने अतीक के दम पर कूटरचित रजिस्ट्री व वसीयत बनाने का बड़ा सिण्डीकेट तैयार कर रखा है। जिससे शहर में कई लोग परेशान हैं और उन्हें उचित न्याय नहीं मिल पा रहा है। सूत्रों की मानें तो इसमें कई अधिकारियों की मिलीभगत भी है, जो उच्च स्तरीय जांच का विषय है।
ऐसा ही एक मामला राजापुर क्षेत्र का है। जिसमें क्राइम संख्या 359/2021 थाना कर्नलगंज में वांछित अभियुक्त पन्नालाल के नाम 12 फरवरी, 1987 को रजिस्ट्री की गई है, ऐसा दर्शाया है। उक्त भूमि के सीलिंग में रहने के दौरान सीलिंग की जानकारी ठगों को न होने के कारण उस वर्ष की कूटरचित रजिस्ट्री वर्ष 2019 में तैयार की गई और 16 अक्टूबर, 2020 को लगभग 34 वर्ष बाद तत्कालीन लेखपाल विनोद कुमार, आरई जगदेव चौरसिया के माध्यम से सेटिंग कर नायब तहसीलदार उत्तरी अजय कुमार द्वारा बिना सभी वारिसानों के सहमति हलफनामा के 12 में 4 की सहमति जिसमें 2 फ्रॉड निकले, दाखिल ख़ारिज करा दिया गया। इसकी मूल रजिस्ट्री की फॉरेन्सिक लैब में पूरी पारदर्शिता के साथ जांच होनी चाहिए। यदि जांच हुई तो निश्चित ही सच सामने आ जाएगा।
भुक्तभोगी का कहना है कि इस कूटरचित रजिस्ट्री बनवाने का मुख्य शातिर जालसाज मुकदमे का मुख्य अभियुक्त बेली निवासी अनिल कुमार ऊर्फ खूँटी पहलवान है। जिस पर कैंट थाना में अन्य कई आपराधिक मुकदमे 2008 से अब तक दर्ज हैं। इसके पीछे बेली निवासी कम्मू, जाबिर, कसारी-मसारी निवासी अफजल जैसे कई अतीक गैंग के साथियों की गहरी साजिश है। भुक्तभोगियों ने इस सबके ऊपर भी योगी सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की है।
भुक्तभोगी ने बताया कि इसका गैंग खुलेआम घूमता है और लोगों को डराता धमकाता भी है। बड़े-बड़े पुलिस अधिकारी इसके बावजूद इसे नहीं पकड़ पाते। क्यों नहीं पकड़ते यह जांच का विषय है। भुक्तभोगियों ने कहा कि जिस दिन खूँटी पहलवान पुलिस या एसटीएफ के हत्थे चढ़ेगा, उस दिन अपने सारे कृत्य व कुकर्म की दास्तां स्वयं ही बयां कर देगा। भुक्तभोगी ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी पर विश्वास है, अगर यह मामला उनके संज्ञान में आ जाय तो इसका भी निस्तारण हो जायेगा। क्योंकि इनकी गिरफ्तारी से अतीक के कारनामों सहित जमीन से जुड़े कई मामलों का पर्दाफाश होगा।