गाजियाबाद। साहिबाबाद के टीलामोड़ स्थित पंचशील कॉलोनी के जंगल में 22 जून की सुबह अज्ञात युवक का सिर कटा लहूलुहान शव मिलने के मामले में पुलिस ने हैरतअंगेज खुलासा किया है। पुलिस ने सनसनीखेज हत्याकांड में ऑटो चालक विकास उर्फ मोटा और उसके दोस्त धनंजय को गिरफ्तार किया है। पुलिस का दावा है कि फरार आरोपी परमात्मा उर्फ विकास ने दोनों को किसी व्यक्ति की हत्या के बाद उसके कटे हुए सिर से अपनी तंत्र विद्या के जरिए लाखों रुपये कमाने का लालच दिया था। घटना के लिए उसने दोनों से पांच लाख में सौदा किया था। टीम ने घटना में प्रयुक्त ऑटो, ई-रिक्शा और दो छुरी बरामद की हैं।
डीसीपी निमिष पाटील ने बताया कि विकास उर्फ मोटा पुत्र शिव शंकर प्रसाद गुप्ता उर्फ मुन्ना शाह निवासी गली नंबर-1 ताहिरपुर थाना दिल्ली और धनंजय पुत्र समासैनी निवासी हुसैनी थाना डुमरिया घाट जिला मोतीहार बिहार को गिरफ्तार किया है। विकास ने पूछताछ में बताया कि वह अपने मामा मुन्ना पुत्र महाराज का ऑटो किराए पर लेकर चलाता है। कुछ महीने पहले उसकी मुलाकात बिहार के रहने वाले धनंजय से हुई थी।
धनंजय नई दिल्ली स्थित कमला मार्केट के पास गाड़ी हिम्मतगढ़ में अपने दूर के रिश्ते के मामा रंजीत कुमार के पास रहकर खाना बनाने का काम करता है। इसी दौरान दोनों की मुलाकात विकास उर्फ परमात्मा पुत्र जगदीश निवासी ताहीरपुर दिल्ली से हो गई। परमात्मा तंत्र विद्या से अपने अनुसार कुछ भी हासिल करने की बात उन दोनों से करता रहता था। डीसीपी के मुताबिक, एक दिन परमात्मा ने दोनों से कहा कि मानव खोपड़ी से तंत्र विद्या करके बहुत सारा पैसा कमाया जा सकता है।
उसने दोनों को ऐसे व्यक्ति की तलाश करने के लिए कहा जिसकी हत्या करके खोपड़ी काटने के बाद तंत्र-मंत्र की क्रिया की जा सके। उसके कहने पर दोनों ऐसे व्यक्ति की तलाश करने निकल गए जिसके आगे पीछे कोई नहीं था। एक समय दोनों की मुलाकात राजू कुमार (29) पुत्र भैरव शाह निवासी बिशनपुर थाना पिपरा जिला मोतीहारी बिहार से हुई। राजू नशा करने का आदी था। दोनों ने उसे बातचीत के बहाने अपने जाल में फंसा लिया।
15 जून को अपने कमरे में ले गए। उसके बाद दोनों ने 21-22 जून की रात परमात्मा को घर में बुलाकर राजू को जमकर शराब पिलाई फिर गमछा से उसके गले में फंदा लगाकर पंखे से लटका दिया। इतना ही नहीं, तीनों उसके शव को छिपाने के लिए ऑटो से पंचशील कॉलोनी के जंगल में रोड किनारे ले गए। वहां, ऑटो जंगल के किनारे खड़ा करके मृतक के सिर को छुरी से काटकर अलग कर दिया। पुलिस में पकड़े जाने के दर से तीन ऑन कटी हुई गर्दन को प्लास्टिक की बाल्टी में रखकर ऑटो से कमरे पर ले गए।
एसीपी सिद्धार्थ गौतम का कहना है कि मृतक राजू की गर्दन काटने के बाद तीनों ने उसे सात दिन तक कमरे में रखा। इस दौरान जब कमरे में कटी गर्दन से बदबू फैलने लगी तो मुख्य आरोपी विकास और परमात्मा ने तंत्र विद्या से पैसे कमाने का तरीका आजमाया, लेकिन वह कुछ घंटे प्रयास के बावजूद सफल नहीं हुआ। इसके बाद वह कटी गर्दन को लेकर भाग गया। उनका कहना है कि हत्याकांड में आरोपियों ने ई-रिक्शा का भी इस्तेमाल किया था। फिलहाल पुलिस टीम फरार विकास और परमात्मा की तलाश में जगह-जगह दबिश दे रही है। उसकी लोकेशन ट्रेस करके जल्द ही गिरफ्तारी की जाएगी।