आगरा। आगरा में ब्रह्माकुमारी आश्रम में शुक्रवार आधी रात 2 सगी बहनों ने फंदे पर लटककर खुदकुशी कर ली। दोनों बहनों ने सुसाइड नोट लिखा। 3 पेज के इस नोट में उन्होंने संस्था के 4 कर्मचारियों को जिम्मेदार ठहराया है। ब्रह्मकुमारी आश्रम में रहने वाले दो सगी बहनों ने आत्महत्या से पहले लिखे सुसाइड नोट में आश्रम से जुड़े तीन लोगों और एक महिला का काला चिट्ठा खोल दिया। इसमें रुपए हड़पने से लेकर अन्य अनैतिक गतिविधियों का पर्दाफाश किया गया है।
ये सुसाइड नोट, उन्होंने वॉट्सऐप पर परिवार के लोग और आश्रम के सोशल मीडिया ग्रुप पर भेज दिया। रात में ही डीसीपी और एसीपी छानबीन के लिए आश्रम पहुंचे। लाशों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया। जांच के लिए पुलिस ने सुसाइड नोट को कब्जे में लिया है। जिन 4 लोगों का जिक्र किया गया है। उनसे एक महिला भी शामिल है। उनसे पूछताछ की तैयारी की जा रही है। ये आश्रम आगरा के थाना जगनेर क्षेत्र में स्थित है।
बहनों ने लिखा-आशाराम बापू की तरह मिले आजीवन कारावास
दोनों लड़कियों के भाई सोनू जगनेर में रहते हैं। उन्होंने बताया कि मेरी 2 बड़ी बहनें एकता और शिखा ने आठ साल पहले बह्मकुमारी आश्रम से दीक्षा ली थी। तब से वो अलग रह रही थीं। 4 साल पहले उन्होंने जगनेर बसई रोड पर आश्रम की स्थापना कराई थी। इसके बाद दोनों बहनें वहीं रह रही थीं।
मेरी बहनों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ को संबोधित करते हुए लिखा कि आरोपितों को आशाराम बापू की तरह ही आजीवन कारावास दिया जाए। शिखा ने एक पेज पर ही अपनी पूरी बात लिख दी। जबकि एकता के लिखे गये सुसाइड नोट 2 पेज का है। शिखा ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि हम दोनों बहनें एक वर्ष से परेशान थीं। उनकी मौत के लिए नीरज सिंघल, धौलपुर के ताराचंद, नीरज के पिता और ग्वालियर आश्रम में रहने वाली एक महिला जिम्मेदार है।