मुजफ्फरनगर। एक युवक को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में दर्ज मुकदमे में शहर के नामी सर्राफा भाईयों आशुतोष स्वरुप बंसल व अज्जू सर्राफ की मुश्किलें बढ़ गई हैं। एसीजेएम–एक ने सुनवाई पूरी करते हुए मुक़दमे को सेशन को सुपुर्द कर दिया है।
कोर्ट ने हाजिरी माफी स्वीकार करते हुए दोनों आरोपियों को 17 मार्च को जिला जज की अदालत में पेश होने का आदेश दिया है। शहर कोतवाली क्षेत्र के मौहल्ला रामलीला टिल्ला निवासी चमन सिंह ने नई मंडी कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराते हुए शहर के नामी सर्राफ अजय स्वरूप बंसल और आशुतोष बंसल पर उनके बड़े भाई को आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया था।
नई मंडी कोतवाली में दर्ज कराए गए मुकदमे में उन्होंने बताया था कि उनके बड़े भाई राजेश ने सदर बाजार में एक दुकान पगड़ी पर लेने के लिए अजय स्वरूप बंसल और आशुतोष बंसल को 6.55 लाख दिए थे। उन्होंने बताया कि पगड़ी दिए जाने के बावजूद न तो दुकान का कब्जा दिया गया और न हीं चाबी दी गई।
चमन सिंह ने बताया कि उनके भाई ने उनसे शिकायत की थी कि अजय स्वरूप बंसल और आशुतोष बंसल से परेशान होकर वह आत्महत्या कर सकता है।
बताया कि 18 फरवरी 2019 को सुबह के समय उनका भाई राजेश घर से निकला और रेलवे स्टेशन के सामने ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली। उसने अपने सुसाइड नोट में भी अजय स्वरुप बंसल अज्जू और आशुतोष बंसल को आत्महत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया था। पुलिस ने घटना का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की थी ।
पुलिस ने घटना के मुकदमे की विवेचना कर क्लोजिंग रिपोर्ट लगा दी थी, लेकिन वादी पक्ष के उच्च अदालत में याचना करने पर कोर्ट ने दोनों आरोपियों को तलब किया था, जिसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया था। दो दिन के बाद दोनों आरोपी जमानत पर छूटकर आए थे।