नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद अब दिल्ली में भाजपा की सरकार बनने जा रही है और ठीक उससे पहले आम आदमी पार्टी के ओखला से विधायक अमानतुल्लाह खान की मुश्किलें भी बढ़ना तय हो गई हैं। दिल्ली पुलिस ने “आप” विधायक पर दर्ज की गई एफआईआर में जिन धाराओं को लगाया है उनमें से दो धाराएं ऐसी हैं जो नॉन-बेलेबल हैं। इसका मतलब है कि अगर अमानतुल्लाह खान ने कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई है तो यह काफी मुश्किल होगा कि उन्हें जमानत मिल जाए।
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अमानतुल्लाह खान ने दिल्ली पुलिस को एक चिट्ठी लिखकर यह भी बताया है कि वह अपने विधानसभा क्षेत्र में ही हैं, लेकिन उनका फोन बंद जा रहा है और पुलिस से उनकी मुलाकात नहीं हो पा रही है। दिल्ली पुलिस और क्राइम ब्रांच की कई टीमें लगातार अमानतुल्लाह को खोजने में जुटी हुई हैं। पुलिस की एफआईआर में जिन दो धाराओं का जिक्र है उनमें भीड़ को इकट्ठा कर माहौल बिगाड़ने की कोशिश करने पर पुलिस ने बीएनएस की धारा 191(2) लगाई है। यह धारा दंगा भड़काने से जुड़ी हुई है, जिस पर कानून की किताब में काफी ज्यादा सख्ती दिखाई गई है।
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इसके अलावा अमानतुल्लाह और उसके समर्थकों पर 191(2)/190/221/121(1)/132/351(3)/263/111 बीएनएस की धाराओं में केस दर्ज किया गया है। अमानतुल्लाह के खिलाफ दर्ज एफआईआर में बीएनएस की 111 धारा का भी जिक्र है, जिसके मुताबिक अमानतुल्लाह खान एक संगठित अपराध गिरोह चलाते हैं। इन धाराओं के लगने से आप विधायक की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। भले ही उन्होंने कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की हो, लेकिन सूत्रों के मुताबिक इन गंभीर धाराओं के चलते उन्हें जमानत मिलना काफी मुश्किल हो जाएगा।
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गौरतलब है कि अमानतुल्लाह खान और पुलिस का चोली-दामन का साथ रहा है। यह कोई पहला विवाद नहीं है। इससे पहले भी अमानतुल्लाह के खिलाफ कई मामले दर्ज हो चुके हैं, लेकिन तब बात कुछ और थी। तब दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार थी और अब अमानतुल्लाह खान जीते जरूर हैं, लेकिन सरकार आम आदमी पार्टी की नहीं है।