नई दिल्ली/ शामली – कैराना की सांसद इकरा हसन ने मुजफ्फरनगर और शामली को एनसीआर की सीमा से बाहर निकालने और गन्ना मूल्य भी तत्काल बढाकर घोषित करने की मांग की है।
लोकसभा में बजट पर चर्चा में शामिल होते हुए इकरा हसन ने कहा कि मुजफ्फरनगर और शामली को एनसीआर में शामिल करके केवल प्रदूषण विभाग द्वारा इन ज़िलों की जनता और उद्योगों को केवल उत्पीड़ित किया जाता है, प्रदूषण के बाध्यकारी नियम लागू है जबकि एनसीआर की कोई सुविधा इन दोनों जनपदों को नहीं मिल रही है। उन्होंने इन दोनों जनपदों को एनसीआर की सीमा से निकालने की मांग की है।
इकरा हसन ने गन्ना किसानों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि पिछले साल के मुकाबले गन्ना मूल्य और बढ़ाकर तत्काल घोषित किया जाए और चीनी मिलों पर बकाया गन्ना भुगतान भी अविलंब दिलाया जाए। उन्होंने कहा कि 2016 में कहा गया था कि 2022 तक किसानों की आय दुगनी कर दी जाएगी जबकि 2025 तक किसानों की स्थिति बहुत खराब है, उन्हें अपना गन्ना मूल्य का भुगतान भी नहीं मिल रहा है और न हीं वर्तमान सत्र में उनके गन्ना मूल्य की बढाकर घोषणा की गई है। इकरा हसन ने कृषि उपकरणों और खाद को जीएसटी से मुक्त करने की मांग की है।
मुज़फ्फरनगर में हनी ट्रैप में फंसाया, मेरठ की एसओजी बनकर की 27 लाख की वसूली, मां-बेटी समेत 5 गिरफ्तार
उन्होंने कहा कि किसान बढ़ती लागत से परेशान है, इसके लिए तत्काल केंद्र सरकार को कोई विशेष योजना बनानी चाहिए। किसान और आम आदमी गरीबी और महंगाई के बोझ से दबे हुए हैं।
उन्होंने आयकर की सीमा 12 लाख किए जाने को बड़ी उपलब्धि बताने पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आखिर कितने लोग हैं, जो 12 लाख की सीमा तक आय अर्जित कर पा रहे हैं, केवल 2 प्रतिशत लोग ही डायरेक्ट टैक्स दे रहे है।
सपा सांसद ने जीएसटी की ऊंची दरों पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि इससे आम जरूरत की चीज अनावश्यक महंगी हो रही है, जिससे मध्यम वर्ग को बड़ी दिक्कतें हो रही है। उन्होंने बजट में बेरोजगारी दूर करने के लिए कोई ठोस उपाय न करने पर भी चिंता जाहिर की। उन्होंने विभिन्न व्यवसाय का प्रशिक्षण देने पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार इसका भी आंकड़ा दे कि जो लोगों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है आखिर उनमें से कितनों को व्यवसाय या नौकरी दी जा रही है।
इकरा ने उत्तर प्रदेश में केवल 22 प्रतिशत सरकारी स्कूलों में कंप्यूटर होने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि आखिर डिजिटल इंडिया के बड़े-बड़े दावे क्यों किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेरे कैराना क्षेत्र में ही अनेक स्कूल ऐसे हैं जहां शिक्षक नहीं है। मदरसा एजुकेशन के बजट में 57% की कमी करने पर भी सवाल उठाते हुए इकरा ने कहा कि है यह किस तरह सबका साथ, सबका विकास का प्रतीक है।
शामली में 84 डॉक्टर में केवल 29 डॉक्टरों की नियुक्ति होने पर सवाल उठाते हुए इकरा ने कहा कि ज़िले में केवल एक स्त्री रोग विशेषज्ञ है, ऐसे में सबके लिए स्वास्थ्य का सवाल बेमानी है और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का बजट भी घटा दिया गया है, इसलिए यह नारा भी बेमानी है। मनरेगा में भी 100 दिन के मुकाबले केवल 44 दिन का रोजगार मिलने पर उन्होंने सवाल उठाए हैं।
इकरा हसन ने दिल्ली-शामली-सहारनपुर रेलवे मार्ग का दोहरीकरण करने और पानीपत-शामली-मेरठ मार्ग का सर्वे तुरंत कराए जाने की भी मांग की है। उन्होंने शामली में जिला अस्पताल का उच्चीकरण करने, ट्रॉमा सेंटर खोलने और शामली व सहारनपुर में गर्ल्स महाविद्यालय खोलने की भी मांग की।
उन्होंने सांसद निधि पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि एक विधायक को उत्तर प्रदेश में 5 करोड रुपए दिए जाते हैं जबकि पांच विधानसभा वाले संसद सदस्य को भी केवल 5 करोड़ मिलते हैं। उन्होंने कहा कि या तो इसे बढ़ाकर 25 करोड़ रूपया किया जाए या सांसद निधि की व्यवस्था को ही खत्म कर दिया जाए। उन्होंने एक शेर सुनाकर अपने भाषण का समापन किया।