Thursday, April 24, 2025

बालासाहेब स्मारक को लेकर क्रेडिट लेने की होड़ में नहीं पड़ना चाहता : उद्धव ठाकरे

मुंबई। शिवसेना-यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को दादर में मेयर बंगले में न‍ि‍र्माणाधीन बालासाहेब ठाकरे स्मारक का दौरा किया और कहा कि वह इसके क्रेडिट युद्ध में नहीं पड़ना चाहते हैं। उन्होंने कहा, “जिन लोगों ने बालासाहेब ठाकरे के विचारों को नहीं छोड़ा है, वे यहां आ सकते हैं।” उद्धव ठाकरे का यह बयान परोक्ष संदर्भ पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अन्य लोगों के ल‍िए था, जो जून 2022 में विद्रोह करने के बाद महाराष्ट्र में भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति सरकार में शामिल हो गए। पूर्व मंत्री सुभाष देसाई के साथ आए ठाकरे ने कहा, “बालासाहेब ने बहुतों को बहुत कुछ दिया।

जिन लोगों को बालासाहेब कुछ नहीं दे सके, उन्हें कम से कम स्मारक से कुछ लेना चाहिए।” उन्होंने कहा कि यह स्मारक राष्ट्रीय स्तर का है इसलिए जो भी प्रधानमंत्री इसके पूरा होने के समय होंगे, वह इसके उद्घाटन के लिए आ सकते हैं। ठाकरे ने कहा, “बालासाहेब ठाकरे के स्मारक का पहला चरण पूरा हो चुका है। दूसरे चरण का काम भी शुरू हो चुका है और पिछले कुछ सालों से इस पर चर्चा चल रही है। मैं आर्किटेक्ट आभा लांबा और टाटा प्रोजेक्ट को धन्यवाद देता हूं। क्योंकि यह काम अब बहुत अच्छा लग रहा है, लेकिन इसे करना मुश्किल था। एक महत्वपूर्ण संयोग यह है कि वीर सावरकर का स्मारक भी इसी स्मारक के बगल में स्थित है। मेयर बंगले की इमारत से हमारा भावनात्मक जुड़ाव हो गया है।

“उन्होंने आगे कहा कि मेयर बंगला एक हेरिटेज बिल्डिंग है और इमारत को नुकसान पहुंचाए बिना इसकी भव्यता को बनाए रखते हुए काम करना कठिन था। उन्होंने कहा, “सीआरजेड कानून भी था। आभा लांबा ने भूमिगत स्मारक बनाने का विचार रखा था। समुद्र का स्तर जमीन के स्तर से ऊंचा है। उस चुनौती को स्वीकार करके यह काम पूरा किया गया। सावधानी के साथ इमारत बनाना एक महत्वपूर्ण काम था, इसलिए मैं आभा लांबा का आभार व्यक्त करता हूं।” स्मारक के विकास में भावनात्मक रूप से शामिल ठाकरे ने दावा किया कि चार दीवारें और एक प्रतिमा मात्र से स्मारक नहीं बन जाता। उन्होंने कहा दूसरे चरण में क्या होगा, इसे लेकर मैं थोड़ा उत्सुक हूं।

[irp cats=”24”]

हमारा विचार स्मारक के माध्यम से उनके विचारों को व्यक्त करना है। शिवसेना प्रमुख की जीवनी स्मारक में है। शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे ने कभी आत्मकथा नहीं लिखी। पूछे जाने पर वे कहते थे कि वे मैदान में रहने वाले व्यक्ति हैं और जीवन एक खुली किताब की तरह है। शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे का स्मारक ऐसा होना चाहिए कि उन्होंने अपने देश और राज्य के लिए जो विचार दिए, वे भी उनके स्मारक में हों। उद्धव ने उम्मीद जताई कि 23 जनवरी 2026 को बालासाहेब ठाकरे की जन्म शताब्दी शुरू होने से पहले स्मारक खोल दिया जाएगा। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा, “शिवसेना प्रमुख ने अपने जीवनकाल में महाराष्ट्र को बदल दिया। यदि आपके पास पुरानी तस्वीरें, भाषण, खबरें, लेख हैं तो कृपया उन्हें हमारे पास लाएं, क्योंकि यह अगली पीढ़ी के लिए मार्गदर्शक सामग्री होगी।”

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

80,337FansLike
5,552FollowersFollow
151,200SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय