लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि विधायकों का सम्मान उस क्षेत्र की जनता का सम्मान है लेकिन पिछले कुछ दशकों से विधायकों का सम्मान कम करने की कोशिश की जा रही है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि विधायकों को सम्मान देना अधिकारियों की जिम्मेदारी है।
विधायकों समूहों के साथ बैठकों की श्रृंखला में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने आज व्यावासायिक क्षेत्र से जुडे़ विधायकों के साथ ‘संवाद कार्यक्रम’ का आयोजन किया। इस दौरान उन्होंने विधायको से कहा कि हम सब जिस क्षेत्र में हैं उस क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान बनाने का काम करें। महाना ने कहा कि लोकतान्त्रिक व्यवस्था के तहत जनता के प्रतिनिधि होने के नाते सबसे बड़ी जिम्मेदारी विधायिका की ही दिखाई पड़ती है। इसलिए हम सबको इस क्षेत्र में रहते हुए जनहित में विकास के लिए काम करना होगा।
उन्होंने कहा कि यूपी विधानसभा अब वह देश की विधानसभाओं का नेतृत्व करने को तैयार है। महाना ने कहा कि पहले यूपी विधानसभा की चर्चा नहीं होती थी लेकिन यहां हो रहे बदलावों की अब चर्चा दूसरी विधानसभाओं में भी हो रही है। उन्होंने आश्वस्त किया कि यूपी विधानसभा में अभी और भी बदलाव देखने को मिलेंगे। मेरा यूपी विधानसभा के प्रति पुरानी धारणा बदलने का प्रयास है।
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि बजट सत्र के बाद एक साल पूरा होने पर विधायकों के साथ गु्रप डिस्कशन का काम किया जाएगा जिससे मालूम हो सके कि उन्होंने इस अवधि में क्या सीखा और अभी और क्या बेहतर किया जा सकता है। विधान सभा अध्यक्ष ने कहा कि यह दावा तो नहीं करता कि सब कुछ ठीक कर दूंगा पर पिछले कुछ दशकों से विधानसभा का जो ग्राफ गिरता जा रहा था उसे रोकने का काम करता रहूंगा। उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि यूपी विधानसभा की छवि में अब धीरे धीरे बदलाव हो रहा है।
इस मौके पर विधायक सिद्वार्थनाथ सिंह ने कहा कि विधानसभा में डिबेट का चलन अब धीरे धीरे कम होता जा रहा है, जो चिन्तनीय है। अगर डिबेट होगी तो सदन का कार्यवाही भी लम्बे समय तक संचालित होगी।
भाजपा सदस्य आशुतोष टंडन गोपाल जी ने कहा कि हम सबको मिलकर यूपी के विकास के लिए काम करना चाहिए। साथ ही अपनी प्रतिष्ठा भी उस क्षेत्र का विकास करके बढ़ानी होगी। तभी यूपी विधानसभा की अलग पहचान बन सकेगी। भाजपा विधायक हरविन्दर कुमार साहनी उर्फ रोमी साहनी ने कहा कि अध्यक्ष श्री सतीश महाना के प्रयासों से अब यूपी विधानसभा की छवि में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। बसपा विधायक उमाशंकर सिंह ने कहा कि यूपी विधानसभा अब शिखर पर पहुंच रही है। साज सज्जा के साथ तकनीकी क्षेत्र में भी बदलाव हुआ है। लेकिन उन्होंने इस बात पर चिंता व्यक्त की और कहा कि प्रश्नकाल के दौरान अधिकारी सदन में उपस्थिति नहीं रहते है। वेद प्रकाश गुप्ता ने कहा कि देश और प्रदेश के साथ अब यूपी विधानसभा की भी छवि बदल रही है। विधायक रीतेश गुप्ता ने कहा कि पिछले दिनांे जब हमने अपने परिवार के साथ विधानसभा का भ्रमण किया तो मेरी बेटी के मुंह से निकला ‘‘वाह इतनी सुंदर यूपी विधानसभा’’। यह सुनकर मुझे बहुत गर्व का अनुभव हुआ।
भाजपा विधायक राजीव गुब्बर ने कहा कि यूपी विधानसभा का केवल स्वरूप ही नहीं बदला है बल्कि विधानसभा की कार्यशैली में भी बड़ा बदलाव देखने को मिला है। बदली कार्यप्रणाली से हम सब विधायकों को काफी कुछ सीखने को मिल रहा है।
विधायक मानवेन्द्र सिंह रानू ने कहा कि विधायक निधि में परिवर्तन की आवश्यकता है। पिछली बार की विधायक निधि की बकाया राशि उसी क्षेत्र में खर्च होनी चाहिए। जय कुमार सिंह ‘जैकी’ ने कहा कि सेफ सिटी योजना के तहत विधायक निधि से विधानसभा क्षेत्र में सीसीटीवी लगवाने की व्यवस्था होनी चाहिए। विधायकों के साथ संवाद कार्यक्रम में विधायक प्रदीप चैधरी समेत कई अन्य विधायकों ने अधिकारियों की तरफ से प्रोटोकाल न मिलने की बात रखने के साथ ही अपनी समस्याओं को बताया।
आयोजित बैठक में सहित मंचासीन मंत्री नन्दगोपाल गुप्ता, अनिल राजभर, राज्यमंत्री सोमेन्द्र तोमर, सुरेश राही, कपिल देव अग्रवाल, मनोहर लाल ‘मन्नू कोरी’ एवं सदस्य विधान सभा विपिन कुमार डेविड, रमेश सिहं, महेश चन्द गुप्ता, निर्मल वर्मा, पीयुष रंजन निषाद, राकेश पाण्डेय, मनीष कुमार उर्फ मन्टू, सुरेन्द्र कुशवाहा, सभाकुंवर रमेश चन्द्र मिश्र, डाॅ0 सुनील पटेल, रत्नाकर मिश्र, जाहीद, राजीव गुम्बर, देवेन्द्र कुमार निम, छोटेलाल वर्मा, प्रकाश द्विवेदी, सहित कई सदस्यों ने अपने सुझाव रखें।
इस अवसर पर विधान सभा के प्रमुख सचिव प्रदीप कुमार दुबे सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।