नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को बजट 2025-26 में मिडिल क्लास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 12 लाख रुपये तक की सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं लगाने का ऐलान किया है। यह घोषणा नई टैक्स रिजीम के तहत की गई है और इसे मिडिल क्लास के लिए एक बड़ा तोहफा माना जा रहा है। सीतारमण का कहना है कि इससे खपत में वृद्धि होगी और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
अगले सप्ताह पेश होगा नया आयकर विधेयक, इनकम टैक्स में होंगे बड़े बदलाव
एक्सपर्ट्स के अनुसार, नई कर व्यवस्था के तहत 12 लाख रुपये तक की आय अब कर-मुक्त हो जाएगी। इस कदम से मध्यम वर्ग पर वित्तीय बोझ में काफी कमी आएगी। डिस्पोजेबल आय (वह आय जो खर्च के लिए उपलब्ध होती है) बढ़ने से लोगों की खपत क्षमता में इजाफा होगा, जो अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करेगा।
वित्त मंत्री सीतारमण ने शनिवार को मध्यम वर्ग विशेषकर वेतनभोगियों को बड़ी राहत देते हुये वित्त वर्ष 2025-26 के आम बजट में जो प्रस्ताव किये हैं उससे 12.75 लाख रुपये तक की आय पर अब कोई आयकर नहीं लगेगा और 24 लाख रुपये या उससे अधिक आय वालों को 1.10 लाख रुपये की बचत होगी वहीं इस प्रस्ताव से सरकार को एक लाख करोड़ रुपये का राजस्व घट जायेगा।
सर्राफा बाजार में ऑल टाइम हाई पर पहुंचा सोना, चांदी की भी बढ़ी चमक
श्रीमती सीतारमण ने राष्ट्र निर्माण में मध्यम वर्ग पर भरोसा जताते हुए बजट में नई आयकर व्यवस्था के तहत नए प्रत्यक्ष कर स्लैब और दरों का प्रस्ताव किया गया है, ताकि प्रति वर्ष 12 लाख तक की कुल आय के लिए कोई आयकर न देना पड़े, यानी पूंजीगत लाभ जैसी विशेष दर आय को छोड़कर प्रति माह एक लाख की औसत आय और 75,000 रुपये की मानक कटौती के कारण प्रति वर्ष 12.75 लाख रुपये तक कमाने वाले वेतनभोगी व्यक्ति को आयकर नहीं देना होगा। नई कर संरचना और अन्य प्रत्यक्ष कर प्रस्तावों के कारण, सरकार को लगभग एक लाख करोड़ का राजस्व खोना पड़ेगा।
मुजफ्फरनगर शहर में आज विद्युत सप्लाई रहेगी बंद, जानें किस-किस इलाके में !
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में सरकार ने लोगों की जरूरतों को समझने के लिए कदम उठाए हैं। प्रत्यक्ष कर प्रस्तावों में मध्यम वर्ग पर विशेष ध्यान देने के साथ व्यक्तिगत आयकर सुधार, टीडीएस-टीसीएस को युक्तिसंगत बनाना, अनुपालन बोझ में कमी के साथ स्वैच्छिक अनुपालन को प्रोत्साहन, व्यापार करने में आसानी और रोजगार और निवेश को प्रोत्साहित करना शामिल है। बजट में नई कर व्यवस्था के तहत संशोधित कर दर अब इस प्रकार होगी।
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि नये स्लैब के तहत शून्य से चार लाख रुपये तक की आय पर शून्य कर, चार लाख रुपये से आठ लाख रुपये तक पांच प्रतिशत, आठ लाख रुपये से 12 लाख रुपये तक 10 प्रतिशत, 12 लाख रुपये से 16 लाख रुपये की आय पर 15 प्रतिशत, 16 लाख रुपये से 20 लाख रुपये तक की आय पर 20 प्रतिशत , 20 लाख रुपये से 24 लाख रुपये तक 25 प्रतिशत और 24 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत आयकर लगेगा।
बसंत पंचमी पर किसी भी स्तर पर चूक की कोई गुंजाइश नहीं: योगी
उन्होंने कहा कि टीडीएस या टीसीएस को तर्कसंगत बनाने के लिए बजट में वरिष्ठ नागरिकों द्वारा अर्जित ब्याज पर कर कटौती की सीमा को मौजूदा 50,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया गया है। इसके अलावा, किराए पर टीडीएस की सीमा को 2.4 लाख रुपये वार्षिक से बढ़ाकर छह लाख रुपये कर दिया गया है। अन्य उपायों में टीसीएस एकत्र करने की सीमा को बढ़ाकर 10 लाख रुपये करना और केवल गैर-पैन मामलों में उच्च टीडीएस कटौती जारी रखना शामिल है।’
बजट ने मध्यम वर्ग की भरी झोली, इनकम टैक्स से लेकर टीडीएस पर मिली छूट
वित्त मंत्री ने कहा कि टीडीएस के भुगतान में देरी को अपराधमुक्त करने के बाद अब टीसीएस भुगतान में देरी को भी अपराधमुक्त कर दिया गया है। स्वैच्छिक अनुपालन को प्रोत्साहित करते हुए, बजट में किसी भी आकलन वर्ष के लिए अद्यतन रिटर्न दाखिल करने की समय-सीमा को मौजूदा दो वर्षों की सीमा से बढ़ाकर चार वर्ष कर दिया गया है। देश में 90 लाख से ज़्यादा करदाताओं ने अपनी आय अपडेट करने के लिए अतिरिक्त कर का भुगतान किया है। छोटे चैरिटेबल ट्रस्ट /संस्थाओं को उनके पंजीकरण की अवधि पांच से बढ़ाकर 10 साल करके लाभ दिया गया है, जिससे अनुपालन का बोझ कम हुआ है। इसके अलावा, करदाता अब बिना किसी शर्त के दो स्व-कब्जे वाली संपत्तियों के वार्षिक मूल्य को शून्य के रूप में दावा कर सकते हैं। पिछले बजट की विवाद से विश्वास योजना को बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली है, जिसमें लगभग 33,000 करदाताओं ने अपने विवादों को निपटाने के लिए इस योजना का लाभ उठाया है। वरिष्ठ और अति वरिष्ठ नागरिकों को लाभ देते हुए, 29 अगस्त, 2024 को या उसके बाद राष्ट्रीय बचत योजना खातों से की गई निकासी को छूट दी गई है। एनपीएस वात्सल्य खातों को भी इसी तरह का लाभ मिलेगा।