नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को भारतीय अंतरिक्ष नीति, 2023 को मंजूरी दे दी, जिसका उद्देश्य अंतरिक्ष विभाग की भूमिका को बढ़ाना, इसरो मिशन की गतिविधियों को बढ़ावा देना और अनुसंधान, शिक्षा जगत, स्टार्टअप और उद्योग को बड़ी भागीदारी देना है। सरकार ने पहले अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी क्षेत्र के लिए खोल दिया था, ताकि खंड के विकास को बढ़ावा देने में मदद मिल सके।
इससे पहले, मंत्री ने गुरुवार को राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि इस समय अंतरिक्ष क्षेत्र में उपग्रह-स्थापना और संचालन के क्षेत्र में केवल सरकारी मार्ग से 100 प्रतिशत तक एफडीआई की अनुमति है।
राज्यसभा के पटल पर रखे गए एक बयान में जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र अंतरिक्ष गतिविधियों के लिए नियामक और प्रचार निकाय होने के नाते एफडीआई नीति के संशोधन में शामिल था, जो इस समय विचाराधीन है।
सरकार द्वारा संशोधित एफडीआई नीति के अनुमोदन के बाद एफडीआई को चैनलाइज करने के लिए इन-स्पेस की विशिष्ट भूमिका विकसित की जाएगी।