Saturday, May 10, 2025

अमृतसर में रेड अलर्ट, नागरिकों को घर से बाहर न निकलने के आदेश, गुरु ग्रंथ साहिब सुरक्षित स्थान ले जाए गए

अमृतसर – स्वर्ण मंदिर के कारण पूरे विश्व में प्रसिद्ध अमृतसर में कल देर रात हवाई अड्डे के पास के इलाकों सहित शहर के विभिन्न हिस्सों में कम से कम 15 ड्रोन देखे जाने के बाद रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। भारतीय सेना ने सभी ड्रोन को विफल कर दिया है फिर भी प्रशासन ने नागरिकों की आवाजाही को प्रतिबंधित कर दिया है। 

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अमृतसर के डिप्टी कमिश्नर ने  बताया कि नागरिकों की आवाजाही प्रतिबंधित कर दी गई है। उन्होंने जनता को आश्वस्त किया कि “जमीन पर किसी भी नागरिक या अन्य प्रकार की क्षति नहीं हुई है।” भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच एहतियात के तौर पर अमृतसर के संवेदनशील इलाकों में नागरिकों की आवाजाही प्रतिबंधित कर दी गई है। सुरक्षा एजेंसियां ​​स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही हैं तथा हवाई और जमीनी निगरानी बढ़ा दी गई है।

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इसी बीच भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के दौरान शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने सीमावर्ती गांवों में स्थित गुरुद्वारा साहिब से गुरु ग्रंथ साहिब के पावन स्वरूपों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने का कार्य शुरू कर दिया है।

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी की अध्यक्षता में शुक्रवार की सुबह हुई आपात बैठक में इस संबंध में फैसला लिया गया। इसके बाद एसजीपीसी के सदस्य तथा अधिकारियों के दल सीमावर्ती क्षेत्र के गुरुद्वारा साहिबानों में चले गए।

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एसजीपीसी का तर्क है कि भारत-पाक तनाव के बीच किसी प्रकार की अप्रिय घटना के चलते सीमावर्ती गांवों को खाली करवाया जा रहा है, जिसके कारण यहां स्थित गुरुद्वारा साहिबान में गुरु ग्रंथ साहिब की पवित्रता को कायम रखना जरूरी है। ऐसे में एसजीपीसी ने शुक्रवार दोपहर बाद अमृतसर जिला के गांव हवेलियां में स्थित गुरुद्वारा सिंह सभा में गुरु ग्रंथ साहिब के पवित्र स्वरूप को मर्यादा के अनुसार अमृतसर के गुरुद्वारा रामसर साहिब में पहुंचाया। इसी प्रकार धार्मिक मर्यादा का पालन करते हुए एसजीपीसी के सदस्यों ने तारनतारण जिले के गांव नौशहरा ढाला से गुरु ग्रंथ साहिब के पावन स्वरूपों को अमृतसर पहुंचाया।

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एसजीपीसी प्रवक्ता के अनुसार सीमावर्ती जिलों के अंतर्गत सीमावर्ती गांवों में स्थापित गुरुद्वारा साहिब से सभी पवित्र स्वरूपों को धार्मिक मर्यादा के तहत अमृतसर में लाया जाएगा। इसके बाद जब स्थिति सामान्य होगी तो धार्मिक स्वरूपों को वापस सह-सम्मान गुरुद्वारा साहिबानों में सुशोभित किया जाएगा।

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