नई दिल्ली। वैश्विक सेमीकंडक्टर हब बनने के देश के लक्ष्य को बढ़ावा देते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को गुजरात के धोलेरा जिले में टाटा समूह और ताइवान के पावरचिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉरपोरेशन (पीएसएमसी) के चिप निर्माण संयंत्रों को मंजूरी दे दी।
केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, टाटा जेवी प्रति माह 50,000 वेफर्स की क्षमता वाला भारत का पहला सेमीकंडक्टर फैब बनाएगी।
कैबिनेट ने असम में लगभग 27,000 करोड़ रुपये के निवेश पर टाटा सेमीकंडक्टर टेस्ट की असेंबली और परीक्षण इकाई को भी मंजूरी दे दी।
इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने घोषणा की थी कि असम में जल्द ही राज्य सरकार और टाटा समूह का संयुक्त रूप से निर्मित पहला सेमीकंडक्टर पैकेजिंग प्लांट होगा।
चंद्रशेखर के अनुसार, भारत को पैकेजिंग, डिजाइन और अनुसंधान एवं विकास से लेकर सेमीकंडक्टर क्षेत्र में 2.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले हैं।
पिछले साल सितंबर में यूएस-आधारित माइक्रोन टेक्नोलॉजी ने गुजरात के साणंद में 22,500 करोड़ रुपये की फैसिलिटी का निर्माण शुरू किया, जो भारत की सेमीकंडक्टर यात्रा के लिए एक मानक स्थापित करेगा।