चेन्नई। बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) ने कर्ज अदा न करने पर भाजपा सांसद और अभिनेता सनी देओल की मुंबई संपत्ति की नीलामी के अपने फैसले को वापस ले लिया है। बैंकिंग क्षेत्र के प्रमुख संघ ने बैंक के इस कदम की आलोचना की है।
30 जून तक 34,832.16 करोड़ रुपये के सकल गैर-निष्पादित ऋण से लदे बैंक ने लगभग 56 करोड़ रुपये की ऋण राशि और उस पर ब्याज का भुगतान न करने पर अभिनेता सनी देओल की मुंबई संपत्ति की नीलामी करने के अपने फैसले को वापस लेने का फैसला किया।
अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) के महासचिव सी.एच.वेंकटचलम ने आईएएनएस को बताया, “ऐसा लगता है कि यह बीजेपी की फोन बैंकिंग शैली है। गौरतलब है कि इसके पहले भाजपा आरोप लगाती थी कि जब कांग्रेस पार्टी की सरकार थी, तो उसके नेता अपने पसंदीदा लोगों को ऋण स्वीकृत करने के लिए बैंकरों को बुलाते थे।”
बैंक ने सोमवार को एक अखबार के विज्ञापन में कहा कि “श्री अजय सिंह देओल उर्फ श्री सनी देओल की संपत्ति नीलामी के फैसले को तकनीकी कारणों से वापस ले लिया गया है।”
रविवार को अखबार के विज्ञापन में, जिसे सोशल मीडिया में व्यापक रूप से प्रसारित किया गया है, बैंक ऑफ बड़ौदा ने कहा कि कर्जदार सनी देओल पर 26 दिसंबर, 2022 से ब्याज और लागत के साथ बैंक का लगभग 55.99 करोड़ रुपये बकाया है।
क्या बैंक ने अभिनेता का नाम ‘अजय सिंह देओल’ के बजाय ‘अजय सिंग देओल’ लिख दिया है, यह अभी तक पता नहीं चल पाया है।
बैंक के अनुसार, जिस संपत्ति को ई-नीलामी में रखा गया था, उसका क्षेत्रफल 599.44 वर्ग मीटर है और यह मुंबई के जुहू इलाके में स्थित सनी विला के नाम से जाना जाता है।
सनी देओल को उधारकर्ता/गारंटर बताया गया था और अन्य गारंटर धर्मेंद्र सिंह देओल और सनी साउंड्स प्राइवेट लिमिटेड हैं।
बैंक ने वित्तीय संपत्तियों के प्रतिभूतिकरण और पुनर्निर्माण और सुरक्षा हित प्रवर्तन अधिनियम, 2022 के तहत संपत्ति की नीलामी करने का निर्णय लिया।
आरक्षित मूल्य करीब 51.43 करोड़ रुपये और धरोहर राशि करीब 5.14 करोड़ रुपये तय की गई थी।
नीलामी नोटिस बैंक ऑफ बड़ौदा की ज़ोनल स्ट्रेस्ड एसेट रिकवरी ब्रांच, बैलार्ड एस्टेट, मुंबई द्वारा जारी किया गया था।
रविवार को जब आईएएनएस ने बैंक ऑफ बड़ौदा के ई-नीलामी विज्ञापन पर उनकी प्रतिक्रिया जानने की कोशिश की, तो सनी देओल फोन पर उपलब्ध नहीं थे।
नीलामी नोटिस वापस लेने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एआईबीईए के वेंकटचलम ने आईएएनएस से कहा, “जाहिर तौर पर यह राजनीति है। भाजपा के कारण नीलामी नोटिस वापस ले लिया गया। हम इसकी जांच की मांग करते हैं कि नीलामी को वापस लेने का फैसला किसने और क्यों किया। इसके लिए जवाबदेही होनी चाहिए।”