Wednesday, November 6, 2024

यूपी कैबिनेट ने एफडीआई के लिए प्रोत्साहन नीति 2023 में संशोधन को दी मंजूरी

लखनऊ- उत्तर प्रदेश में विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के लिए कैबिनेट ने सोमवार को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश(एफडीआई)और फॉर्च्यून 500 कंपनियों के निवेश के लिए प्रोत्साहन नीति 2023 में संशोधन को मंजूरी दे दी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई।


योगी सरकार द्वारा प्रोत्साहन नीति 2023 में किए गए संशोधन से विदेशी निवेशकों को बड़ी राहत मिली है। अब इक्विटी, लोन या अन्य स्रोतों से फंडिंग हासिल करने वाली विदेशी कंपनियां भी राज्य में निवेश कर सकेंगी। इस फैसले से यूपी में विदेशी निवेश बढ़ने की उम्मीद है।


कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा “ 1 नवंबर 2023 को शुरू की गई प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति में थोड़ा संशोधन किया गया है। नीति के तहत पात्रता के लिए न्यूनतम निवेश सीमा 100 करोड़ रुपये ही रहेगी। आरबीआई की परिभाषा के अनुसार, एफडीआई में अब तक केवल इक्विटी निवेश ही शामिल था। हालांकि, इस नीति संशोधन के साथ, हमने इसे व्यापक बनाते हुए इसमें विदेशी पूंजी निवेश को भी शामिल कर लिया है।”


उन्होंने कहा कि अब तक एफडीआई में किसी कंपनी द्वारा केवल अपनी इक्विटी में किया गया निवेश शामिल होता था, हालांकि, कई कंपनियां विस्तार के लिए बाहरी ऋण या अन्य स्रोतों से धन जुटाती हैं।
उन्होंने कहा “ हमने अब इसकी भी अनुमति दे दी है। यदि किसी कंपनी के पास सिर्फ 10 प्रतिशत इक्विटी है और वह अपने निवेश का 90 प्रतिशत अन्य स्रोतों से सुरक्षित करती है, तो भी वह इस नीति के तहत लाभ के लिए पात्र होगी।”

श्री खन्ना ने कहा कि इस नीति को अब ‘प्रत्यक्ष विदेशी निवेश, विदेशी पूंजी निवेश और फॉर्च्यून ग्लोबल 500 और फॉर्च्यून इंडिया 500 निवेश प्रोत्साहन नीति 2023’ के नाम से जाना जाएगा।
उन्होंने कहा “ इसमें विदेशी पूंजी निवेश के रूप में इक्विटी में निवेश करने वाली विदेशी कंपनियों के लिए वरीयता शेयर, डिबेंचर, बाहरी वाणिज्यिक उधार, स्टैंडबाय लेटर ऑफ क्रेडिट, गारंटी लेटर और अन्य ऋण प्रतिभूतियां शामिल होंगी।

विदेशी निवेश की गणना के लिए आरबीआई द्वारा उल्लिखित अन्य तरीके, जिनमें बाहरी वाणिज्यिक उधार, व्यापार ऋण और संरचित दायित्वों पर रूपरेखा शामिल है, भी योग्य होंगे। किसी कंपनी द्वारा किए गए विदेशी पूंजी निवेश, जिसमें कम से कम 10 प्रतिशत इक्विटी में और शेष ऋण और अन्य साधनों के माध्यम से किया गया निवेश शामिल है, को योग्य माना जाएगा और कुल पूंजी निवेश गणना में शामिल किया जाएगा।”

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