लखनऊ – उत्तर प्रदेश मे बिजली कर्मचारियों की प्रस्तावित हड़ताल पर गंभीर रूख अपनाते हुये ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने गुरूवार को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि विद्युत आपूर्ति में बाधा पैदा करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ एसेंसियल सर्विसेज मेन्टीनेन्स एक्ट (एस्मा) के तहत कार्रवाई की जायेगी और हड़ताल में शामिल संविदाकर्मियों की सेवायें स्वत: समाप्त समझी जायेंगी।
श्री शर्मा ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि प्रदेश के विकास में रूकावट पैदा करने वाले तथा लोगों को उपलब्ध सुविधाओं में अड़चने पैदा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी। जनहित एवं प्रदेश हित में विद्युत विभाग में किसी भी प्रकार के कार्य बहिष्कार एवं हड़ताल को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। जनहित के मद्देनजर एसेंसियल सर्विसेज मेन्टीनेन्स एक्ट के प्राविधान को प्रदेश भर में लागू किया गया है। अत्यावश्यक सेवाओं में शामिल विद्युत व्यवस्था में किसी भी प्रकार का व्यवधान डालने पर एस्मा के तहत कार्यवाही की जायेगी।
उन्होने कहा कि कार्यों में व्यवधान डालने, कार्मिक के साथ दुर्व्यवहार करने, सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने, की स्थिति में एनएसए व रासुका के प्राविधानों के तहत भी कार्यवाही होगी। आउसोर्सिंग एवं संविदा कर्मचारी विद्युत व्यवस्था को बनाये रखने एवं जनता की सेवा में अपने कर्तव्यों का निर्वहन न करने पर जिस दिन से वे कार्य से विमुख पाये जायेगे, उसी दिन से उन्हें कार्यमुक्त समझा जायेगा।
श्री शर्मा ने अधिकारियों को निर्देश देते हुये कहा कि बिजली कर्मियों की प्रस्तावित 72 घंटे की हड़ताल के दौरान विशेष सतर्कता बरतें। शक्तिभवन में स्थापित कन्ट्रोल रूम हालात पर 24 घंटे निगरानी रखें। टोल फ्री नम्बर-1912 में आने वाली शिकायतों का भी तत्परता से संज्ञान लिया जाये।
उन्होने कहा कि बढ़ती हुई गर्मी के मद्देनजर विद्युत बहुत आवश्यक है। हड़ताल करने वाले एवं विद्युत संघर्ष समिति को भी इस संबंध में अवगत करा दिया गया है कि हमारी अत्यावश्यक सेवाओं में शामिल विद्युत की सुचारू व्यवस्था में किसी भी प्रकार का व्यवधान डालने पर जनता को परेशानी हुई, तो इस एक्ट एस्मा के तहत कार्यवाही की जायेगी। जिसमें एक वर्ष तक की सजा का भी प्रावधान है।
मंत्री ने कहा कि जो भी विद्युत संगठन एवं उससे जुड़े कर्मचारी सरकार के साथ मिलकर कार्य करना चाहता है। इस दौरान यदि कोई उसके कार्यों में व्यवधान डालता है या उसके साथ दुर्व्यवहार करता है या सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाता है तो ऐसी परिस्थिति में उस कार्मिक या संगठन के नेता या अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी। यहां तक कि एनएसए तथा रासूका के प्राविधानों के तहत भी कार्यवाही होगी।
श्री शर्मा ने कहा कि जिन संगठनों एवं विद्युत कार्मिकों ने सरकार का सहयोग करने की बात कही और कार्य बहिष्कार से अपने को दूर रखने का आश्वासन दिया। प्रदेश सरकार उन्हें पूरी सुरक्षा मुहैया करायेगी। पॉवर आफिसर्स एसोसिएशन ने तो यहां तक कहा है कि व्यवस्था बनाये रखने के लिए विपरीत परिस्थिति में वे प्रतिदिन दाू घंटे अतिरिक्त कार्य करेंगे और जरूरत पड़ी तो 24 घंटे भी कार्य करने को तैयार हैं।
उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार मुख्य सचिव एवं डीजीपी ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों, पुलिस कमिश्नर एवं पुलिस अधीक्षक को किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए सतर्क रहने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही विद्युत विभाग के अपर मुख्य सचिव, चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक सहित अन्य अधिकारियों ने भी कार्मिकों को हड़ताल से दूर रहने के निर्देश दिये हैं। विद्युत व्यवस्था के व्यवधान पर या कोई अन्य क्षति पर सख्त कार्यवाही करने के निर्देश हैं। किसी को काम करने से रोकने के प्रयास पर भी सख्त कार्यवाही की जायेगी। विशेष रूप से आउसोर्सिंग एवं संविदा कर्मचारियों को सतर्क एवं आगाह करते हुए कहा कि यदि उन्हें नौकरी पर बने रहने है तो इस कार्य बहिष्कार से दूर रहकर अपने कार्यस्थल पर निरन्तर कार्य करें।
श्री शर्मा ने कहा कि विद्युत संघर्ष समिति के पदाधिकारियों से बात करने के अनेकों बार प्रयास किये गये, लेकिन फिर भी उन्हें समझ में नही आ रहा है। हमने उन्हें समझाने का प्रयास किया कि यह महीना राजस्व संग्रह के लिए बहुत महत्वपूर्ण एवं बढ़ती गर्मी के मद्देनजर विद्युत आपूर्ति बहुत जरूरी है। इस समय आये राजस्व संग्रह से वर्ष भर के विकास का रोडमैप तैयार किया जाता है। कार्मिकों का वेतन, बोनस एवं खर्चे भी जुड़े होते हैं। इस प्रकार की हड़ताल एवं कार्य बहिष्कार से आमजन को भी काफी परेशानियॉ होती है।
उन्होने कहा कि प्रदेश सरकार विद्युत की जर्जर व्यवस्था को सुधारने का प्रयास कर रही है और इसके लिए आरडीएसएस योजना के तहत प्रदेशभर में कार्य कराये जाने हैं। प्रथम चरण में 17 हजार करोड़ रूपये के कार्यों को धरातल पर उतारा जा रहा है। इस वित्तीय वर्ष में पांच हजार करोड़ रूपये का वित्तीय प्रावधान रिवैम्प योजना के तहत किया गया था, जिसको इसी महीने विकास कार्यों में खर्च करना है और विद्युत व्यवस्था को सुदृढ़ बनाकर जनता को अधिक से अधिक सहूलियत देना है।
श्री शर्मा ने कहा कि दिसम्बर, 2022 में हुए समझौते के काफी कुछ बिन्दुओं पर कार्य किया गया है। 2020 में हुए समझौते पर भी अमल न होने की बात है। विद्युत निगम को प्रतिवर्ष एक लाख करोड़ रूपये के घाटे पर चल रहा है। महीने का 1500 करोड़ रूपये तथा प्रतिदिन आठ से दस करोड़ रूपये के घाटे पर चल रहा है। ऐसी स्थिति में कार्मिकों को बोनस देने की व्यवस्था नही बनती, इसी के चलते विगत तीन वर्षों तक कार्मिकों को बोनस नहीं दिया गया और बोनस देना बंद हो गया, फिर भी हमने इस वर्ष का बोनस दिलाया। कर्मचारियांे के कैशलेस इलाज की व्यवस्था भी प्रदेश सरकार की नीति के तहत देने का निर्णय लिया गया है।