न्यूयॉर्क। अमेरिका में भारतीय मूल के डॉक्टर नील आनंद को 2.3 मिलियन डॉलर की साजिश के तहत नियंत्रित दवाओं के अवैध वितरण और हेल्थकेयर फ्रॉड में भाग लेने के आरोप में दोषी ठहराया गया है। यह जनकारी अमेरिकी न्याय विभाग ने बुधवार को दी। 48 वर्षीय नील आनंद को मंगलवार को पेंसिल्वेनिया की एक संघीय अदालत ने दोषी करार दिया। अभियोजन पक्ष के अनुसार, आनंद ने ऑक्सीकोडोन नामक दर्द निवारक और अत्यधिक नशे की लत लगाने वाली नियंत्रित दवा के लिए प्री-साइन्ड प्रिस्क्रिप्शन (पूर्व हस्ताक्षरित नुस्खा) जारी किए। इन नुस्खों का उपयोग उसके इंटर्न्स ने किया, केवल नौ मरीजों को ट्रीट करने में 20,850 टैबलेट का उपयोग किया गया। न्याय विभाग ने कहा, “ऑक्सीकोडोन एक ओपिओइड दर्द निवारक है जिसका उपयोग नशे के लिए भी किया जाता है और अमेरिका में इसकी लत महामारी का रूप लेती जा रही है।” आरोप में, आनंद के “मेडिकली अनावश्यक प्रिस्क्रिप्शन मेडिकेशन्स” को ‘गुडी बैग्स’ (लुभावने तौर पर) का नाम दिया गया है।
ये दवाएं उन मरीजों को दी जाती थीं जो नियंत्रित दवाएं प्राप्त करना चाहते थे। ये दवाएं उन फार्मेसियों के माध्यम से दी जाती थीं जो आनंद के स्वामित्व में थीं। अभियोजन पक्ष ने कहा, “आनंद ने इन अनावश्यक दवाओं के लिए स्वास्थ्य बीमा कंपनियों और सरकारी बीमा योजनाओं से भुगतान लिया, जिनकी कुल राशि 2.3 मिलियन डॉलर थी।” जब आनंद को जांच की जानकारी हुई, तो उसने धोखाधड़ी से प्राप्त करीब 1.2 मिलियन डॉलर की राशि को अपने पिता के नाम और नाबालिग बेटी के खाते में ट्रांसफर कर दिया ताकि इस राशि को छुपाया जा सके। आनंद को अगस्त में सजा सुनाई जाएगी। उन्हें 2019 में चार अन्य लोगों के साथ आरोपित किया गया था।
इनमें से तीन के पास विदेशी विश्वविद्यालयों की मेडिकल डिग्री थी, लेकिन उनके पास अमेरिका में चिकित्सा अभ्यास का लाइसेंस नहीं था। इससे पहले, 14 दिसंबर 2017 को अमेरिका के नेवादा राज्य में एक भारतीय-अमेरिकी डॉक्टर देवेंद्र पटेल को इसी तरह के मामलों में गिरफ्तार किया गया था। उन पर भी “प्रिस्क्रिप्शन ओपिओइड्स के अवैध वितरण और हेल्थकेयर फ्रॉड” का आरोप लगाया गया था। यूएस अटॉर्नी जनरल जेफ सेशंस और अन्य अधिकारियों ने उस समय बताया था कि डॉ. पटेल ने मई 2014 से सितंबर 2017 तक नियमित रूप से फेंटेनाइल, हाइड्रोकोडोन और ऑक्सीकोडोन जैसी दवाएं बिना किसी उचित चिकित्सकीय कारण के प्रिस्क्राइब कीं।” पटेल रेनो शहर की संघीय अदालत में पेश हुए थे। हालांकि उन्होंने गुनाह कबूल नहीं किया था।