नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में कार्यकाल समाप्ति के पहले जो बाइडेन ने अपने बेटे हंटर पर चल रहे न्यायिक केसों में माफी दे दी जिससे उन्हें संभावित जेल की सजा से राहत मिल गई है। राष्ट्रपति बाइडेन ने रविवार को हंटर के खिलाफ पूर्ण और बिना शर्त माफी का ऐलान किया है। उन्होंने इसके पीछे की वजह बताते हुए कहा कि उन्हें केवल इसलिए निशाना बनाया गया क्योंकि हंटर उनके बेटे हैं। इस पर सेवानिवृत्त आईएफएस अधिकारी अशोक सज्जनहार ने इसे अमेरिका का ढोंग और दोहरा चरित्र बताया है।
अशोक सज्जनहार ने आईएएनएस से कहा, “मेरे विचार में यह अमेरिका की हिपोक्रेसी और डबल स्टैंडर्ड को दर्शाता है। पहले जो बाइडेन ने कहा था कि वह अपनी प्रेसिडेंशियल पावर का इस्तेमाल नहीं करेंगे और अपने बेटे हंटर बाइडन के खिलाफ जो ड्रग्स और अवैध हथियारों के आरोप थे, उनमें कोई हस्तक्षेप नहीं करेंगे। लेकिन अब, जब उनकी पार्टी की उम्मीदवार हार गई और यह संभावना जताई जा रही है कि ट्रंप की सरकार आ सकती है, तो उन्हें लगता है कि अब नई सरकार में ट्रंप की तरह उनके बेटे के खिलाफ भी कार्रवाई होगी, जैसे डेमोक्रेट्स ने ट्रंप के खिलाफ की थी। इस कारण, उन्होंने अपनी शक्ति का इस्तेमाल किया और जो पहले कहा था, उससे पूरी तरह पलट गए।
“उन्होंने कहा, “दूसरी बात यह है कि अमेरिका के जो विभाग जैसे डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस और सिक्योरिटी एक्सचेंज कमीशन हैं, वे लोगों के खिलाफ इसे मानने से मना कर देते हैं, लेकिन जब बात अपनी पार्टी के आरोपियों की आती है, तो उनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती। अमेरिका में इन संस्थाओं का काम राजनीतिक दबाव में आकर होता है, जो बहुत ही गलत प्रतीत होता है। अमेरिका खुद को लोकतंत्र और कानून का रक्षक बताता है, लेकिन इस तरह की नीतियां उसके दोहरे चरित्र को दर्शाती हैं।
“लेफ्टिनेंट जनरल संजय कुलकर्णी (रिटायर्ड) ने कहा, “जिस तरह से जो बाइडेन ने अपने बेटे हंटर को पूरी तरह से माफ कर दिया और कहा कि उनके खिलाफ जो आरोप हैं, वो राजनीतिक दबाव के कारण लगाए गए, यह एक सवाल उठाता है। बाइडेन ने यह तर्क दिया कि उन्हें हमेशा डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस पर विश्वास था, लेकिन अब उन्हें शक है कि उनके बेटे के खिलाफ आरोप केवल इस कारण लगाए गए हैं क्योंकि वह उनके बेटे हैं और पॉलिटिकल दबाव के चलते उन पर अभियोग लगाया गया है। हंटर पर आरोप ड्रग्स, सेक्सुअल दुराचार और टैक्स चुराने जैसे गंभीर मामलों में हैं, और अब तक उन्हें कोई सजा नहीं दी गई है। अगर बाइडेन खुद अपने विभाग पर विश्वास नहीं कर पा रहे, तो हम कैसे मान सकते हैं कि वही विभाग निष्पक्ष रूप से काम कर रहा है?”