लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार और सहारनपुर के एसएसपी को कोर्ट के आदेश की अवहेलना के मामले में नोटिस जारी करते हुए 27 जनवरी को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय की पीठ ने यह आदेश अलका सेठी और अन्य की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।
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15 मई 2024 को हाईकोर्ट ने डीजीपी को निर्देश दिया था कि याचिकाकर्ता अलका सेठी की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कराई जाए और मामले की जांच सहारनपुर के एसएसपी द्वारा कराई जाए। इस आदेश के बावजूद न तो एफआईआर दर्ज हुई और न ही जांच शुरू हुई। अलका सेठी ने सहारनपुर में एक जमीन खरीदी थी, जिस पर स्थानीय भू माफिया ने कब्जा करना शुरू कर दिया। पुलिस से शिकायत करने पर कार्रवाई न होने के बजाय भू माफिया ने उल्टा अलका सेठी के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज करा दिया। पुलिस ने अलका सेठी और अन्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी, जिसे हाईकोर्ट ने बाद में निरस्त कर दिया। कोर्ट ने मामले में सहारनपुर पुलिस और भू माफिया की मिलीभगत पर सख्त टिप्पणी की। कोर्ट ने पूछा कि क्यों न डीजीपी और एसएसपी के खिलाफ कोर्ट के आदेश की अवहेलना के लिए अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाए।
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27 जनवरी को डीजीपी और एसएसपी को व्यक्तिगत रूप से पेश होकर हलफनामा दाखिल कर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया गया है। कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए स्पष्ट किया है कि पुलिस और अधिकारियों को न्यायालय के आदेश का पालन करना होगा।