नोएडा। एनसीआर क्षेत्र में एटीएम मशीन पर पैसा निकालने गए वाले सीधे-साधे लोगों की मदद करने के बहाने धोखाधड़ी करते हुए उनका एटीएम कार्ड बदलकर नकदी निकालने वाले एक शातिर बदमाश को थाना फेस-2 पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस ने अभियुक्त के कब्जे से विभिन्न बैंकों के 139 एटीएम कार्ड मय 2540 रूपये व घटना में प्रयुक्त होने वाली बाइक बरामद किया है।
पुलिस उपायुक्त जोन द्वितीय शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि एक सूचना के आधार पर थाना फेस-दो पुलिस ने एनसीआर क्षेत्र में धोखाधड़ी कर लोगों के एटीएम बदलकर पैसे निकालने वाले अभियुक्त राहुल कुमार पुत्र विरेन्द्र सिंह को पुरानी कोर्ट मार्केट में स्थित आईसीआईसीआई बैंक के एटीएम के पास से गिरफ्तार किया है।
डीसीपी ने बताया कि पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चला है कि आरोपी एटीएम मशीन में पैसा निकालने वाले कम पढ़े लिखे फैक्ट्री में काम करने वाले श्रमिकों की मदद करने के बहाने उनका एटीएम कार्ड बदल देता है, तथा उनके खाते से मोटी रकम निकाल लेता है। इसके गैंग में और लोग भी शामिल है। पुलिस उनकी तलाश कर रही है।
डीसीपी ने बताया कि अभियुक्त ने पूछताछ के दौरान बताया है कि यहां पर मजदूर और कम्पनी में काम करने वाले लोग अधिक संख्या में रहते हैं। इन मजूदरों को 01 से 10 तारीख के बीच में जो सैलेरी मिलती है उसी से यह अपना जीवन यापन करते है और हर महीने दैनिक खर्चों के लिये एटीएम से पैसा निकालते है। मैं ऐसे ही लोगो की रेकी करता था और जिन्हें अपना निशाना बनाता था तथा एटीएम मशीन के पास खड़े होकर उन व्यक्तियों का इन्तजार करता था जो व्यक्ति अकेले आते थे कम पढ़े लिखे तथा भोले-भाले होते थे, जिन्हें एटीएम कार्ड का इस्तेमाल करना कम आता था।
जब वे अपना एटीएम कार्ड से पैसा निकालने के लिये एटीएम मशीन में पिन डालते थे तभी मैं चुपके से इनका पिन देख लेता था और मदद के बहाने धोखे से उनका एटीएम अपने पास उपलब्ध एटीएम से बदल देता था। मेरे पास लगभग सभी बैंकों के एटीएम थे। मुझे जब भी किसी एटीएम कार्ड की जरूरत होती थी। मैं तत्काल उसी बैंक के एटीएम कार्ड से उसको बदल देता था। ऐसा करने से उस व्यक्ति को शक भी नहीं होता था। एटीएम खराब होने या पैसा खत्म हो जाने का बहाना बना देता था जिससे वह व्यक्ति बदले हुये एटीएम कार्ड को अपना असली एटीएम समझकर वहां से चला जाता था। उसके तुरन्त बाद मैं दूसरे एटीएम जाकर 10-15 हजार रूपये निकाल देता था और उस एटीएम कार्ड को किसी और को धोखा देने के लिए रख लेता था।