नई दिल्ली। पेरिस ओलंपिक में विनेश फोगाट के डिसक्वालिफिकेशन के बाद, भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष संजय सिंह ने भारतीय कुश्ती दल के कोच और सहायक स्टाफ पर निशाना साधा है। ऐतिहासिक स्वर्ण पदक मुकाबले से कुछ घंटे पहले ही विनेश को 50 किलोग्राम की अधिकतम सीमा से अधिक वजन होने के कारण अयोग्य घोषित कर दिया गया था। इस पर संजय सिंह ने कहा, “हमारी 140 करोड़ जनता का दिल टूटा है। विनेश फोगाट का रात में इतना वजन कैसे बढ़ गया, जबकि उनके पास पर्सनल फिजियो, पर्सनल डायटिशियन, पर्सनल कोच आदि सब मौजूद थे।
उन्होंने जिस भी चीज के लिए कहा था, वह सब उनको मुहैया कराया गया था। वास्तव में क्या घटित हुआ है, इसके बारे में विनेश ही बता सकती हैं। उन्होंने कहा, “अगर विनेश फाइनल में खेलतीं, तो भारत का गोल्ड मेडल पक्का था। इस मामले में विनेश के कोच से पूछताछ होनी चाहिए, क्योंकि हमारे हिसाब से कोच पर सवालिया निशान है। इस मामले में मेरी विनेश से कोई बात नहीं हुई है। हालांकि भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के अधिकारियों से हमारी लगातार बात हो रही है। इस मामले पर अपील के लिए हमने और पीटी उषा ने अपनी ओर से लेटर (आईओसी और यूडब्यूडब्लू को) भी भेज दिए हैं। आयोजन समिति से भी हमने अनुरोध किया है। यूडब्यूडब्लू प्रेसिडेंट के साथ मेरी मीटिंग भी है। हम इसके लिए एक अंतिम प्रयास कर रहे हैं, क्योंकि विनेश का गोल्ड मेडल पक्का था।”
संजय सिंह ने कहा, “मैं इस मामले में विनेश को दोष नहीं देता हूं, क्योंकि ओलंपिक में आने के बाद खिलाड़ी का ध्यान पूरी तरह अपनी प्रैक्टिस पर चला जाता है। लेकिन, खिलाड़ियों के साथ जो पूरी टीम भेजी जाती है, जिन पर भारत सरकार इतना खर्च करती है, इनको किस काम के लिए भेजा जाता है? क्या यह लोग तफरी करने के लिए जाते हैं? 140 करोड़ जनता ने मेडल की उम्मीद लगा ली थी और विनेश कुश्ती का इतिहास रचने जा रही थीं।” इस मामले के बाद आगे की रणनीति पर संजय ने कहा, “सिलेक्शन कमेटी, ट्रायल कमेटी और डब्ल्यूएफआई की पूरी कमेटी इस बात पर फैसला लेगी कि केवल सर्टिफाइड कोच, ट्रेनर और फिजियो को खिलाड़ियों के साथ भेजा जाए। बाहर के किसी भी व्यक्ति को टीम के साथ न भेजा जाए। इसको आगे नियम बना दिया जाएगा।”