नयी दिल्ली- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व से अगली स्वास्थ्य आपात स्थिति से निपटने की तैयारी करने का आह्वान करते हुए शुक्रवार को कहा कि नवाचार, प्रौद्योगिकी और वित्त उपलब्धता समान होनी चाहिए।
श्री मोदी ने आज गुजरात के गांधीनगर में जी- 20 देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक को वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि स्वास्थ्य रहना न केवल मानसिक और शारीरिक स्थिति है बल्कि जीवन का सुदृढ आधार है। उन्होंने कहा कि देश में 21 लाख चिकित्सक, 35 लाख नर्स, 13 लाख फार्मासिस्ट और करोड़ों सहायक कर्मी स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र को मजबूत बनाते हैं।
श्री मोदी ने कहा कि कोविड महामारी ने स्वास्थ्य को सभी निर्णय के केंद्र में रखने पर जोर दिया है। महामारी ने स्वास्थ्य के संबंध में दवाईयां और टीके को लेकर अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने वैक्सीन मैत्री पहल का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत ने 100 से अधिक देशों को 30 करोड़ वैक्सीन खुराक पहुंचाई, जिनमें वैश्विक दक्षिण के कई देश भी शामिल हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक स्वास्थ्य प्रणालियों को लचीला होना चाहिए। अगली स्वास्थ्य आपात स्थिति निपटने की तैयारी करनी चाहिए। दुनिया के एक हिस्से में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बहुत कम समय में दुनिया के अन्य सभी हिस्सों को प्रभावित कर सकती हैं। उन्होंने कह कि भारत में समग्र और समावेशी दृष्टिकोण का पालन किया जा रहा है।स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे का विस्तार हो रहा है। चिकित्सा की पारंपरिक प्रणालियों को बढ़ावा दिया जा रहा है और सभी को सस्ती स्वास्थ्य सेवा प्रदान कर रहे हैं। पारंपरिक चिकित्सा का वैश्विक भंडार बनाने का संयुक्त प्रयास होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य और पर्यावरण एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। स्वच्छ हवा, सुरक्षित पेयजल, पर्याप्त पोषण और सुरक्षित आश्रय स्वास्थ्य के प्रमुख कारक हैं।