नोएडा। नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा बनने के साथ ही यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में देशी-विदेशी कंपनियों ने औद्योगिक प्लांट लगाने शुरू कर दिए हैं। आज वॉन व्लैक्स जर्मनी समूह ने जेवर में अपने नए फुटवियर प्लांट के दूसरे चरण की नींव रखी। यह प्लांट 10 हजार वर्ग मीटर क्षेत्र में बनाया जा रहा है। समूह यहां 300 करोड़ रुपये का पूंजीनिवेश करेगा।
यमुना प्राधिकरण के क्षेत्र सेक्टर-29 में वॉन वेल्क्स जर्मनी समूह ने शुक्रवार को जूता बनाने वाली फैक्ट्री की नींव रखी। यह नींव जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह, यमुना प्राधिकरण के सीईओ डा. अरुण वीर सिंह की उपस्थिति में रखी गई। इस अवसर पर अतिरिक्त सीईओ कपिल सिंह, अतिरिक्त सीईओ श्रुति, अध्यक्ष अल्पसंख्यक आयोग उत्तर प्रदेश अशफाक सैफी सहित कई अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय व्यक्ति उपस्थित थे। इसके साथ ही अमेरिका, जर्मनी, दुबई, मध्य पूर्व, अफ्रीका, मलेशिया, श्रीलंका, इंडोनेशिया, चीन और जापान सहित कई देशों से कंपनी के सभी साझेदार इस समारोह में शामिल हुए।
कार्यक्रम के दौरान वॉन व्लेक्स जर्मनी समूह के भारत के सीईओ आशीष जैन ने बताया कि जर्मन तकनीक का उपयोग करके भारत में स्थापित होने वाला अपनी तरह का पहला आधुनिक फुटवियर प्लांट है। इस फैक्ट्री से 4 मिलियन से अधिक जोड़े का उत्पादन किया जाएगा, जो दुनिया भर के 80 से अधिक देशों में निर्यात किया जाएगा और भारतीय बाजार में भी बेचा जाएगा। उन्होंने बताया कि यहां पर जर्मन और भारतीय कंपनी मिलकर जर्मन तकनीक और भारतीय जनसंख्या के अनुसार सभी प्रकार के जूते, जिनमें स्पोर्ट्स शूज भी शामिल हैं। उन्हें अनोखी पेटेंट तकनीक और पर्यावरण-अनुकूल तकनीकों का उपयोग करके पुरुषों, महिलाओं और बच्चों की श्रेणियों में तैयार किए जाएंगे। कंपनियों के बीच यह सहयोग प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, अनुसंधान और विकास, विपणन और उत्पादन के क्षेत्र में होगा।
कार्यक्रम के दौरान आशीष जैन ने घोषणा की कि समूह यीडा में ही एक विशाल फुटवियर सहायक उद्योग भी स्थापित करेगा, जिसके तहत आउटसोल, इनसोल, इंटरलाइनिंग्स और अन्य गैर-चमड़ा कच्चे माल का उत्पादन भी किया जाएगा। इससे गुणवत्ता वाले कच्चे माल की उपलब्धता में सुधार होगा, जिससे आयात को प्रतिस्थापित किया जा सकेगा और निर्यात में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि स्थापित होने वाली फैक्ट्रियों के साथ लगभग 10 हजार लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार देने की योजना बना रहे हैं। यहां कुल 300 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे।
कार्यक्रम के दौरान जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह ने कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि जर्मनी से आई अत्याधुनिक तकनीकों वाली कंपनियां अपना पूरा आधार चीन से हटाकर जेवर में स्थानांतरित कर रही हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी श्रम प्रधान उद्योग क्षेत्र में रोजगार सृजन के लिए एक बड़ा मील का पत्थर साबित होंगे और स्थानीय लोगों के लिए समृद्धि लायेंगे।
यीडा के सीईओ डा. अरुण वीर सिंह ने कहा कि यह देखना अद्भुत है कि नवीकरणीय और अन्य उन्नत कच्चे माल, मधुमेह और आर्थोपेडिक्स पर केंद्रित तकनीकें, जो पहले केवल पश्चिम में उत्पादित होती थीं, अब भारत आ रही हैं और दुनिया भर में निर्यात की जाएंगी। उन्होंने नए युग की तकनीकों के उपयोग के बारे में जोर दिया, जो वॉन वेल्क्स जर्मनी जैसी कंपनियों के साथ भारत के फुटवियर उद्योग में एक बड़ा बदलाव लाएंगी, और उन्होंने इस परियोजना को सफल बनाने के लिए यीडा के पूर्ण समर्थन का वादा किया।
कासा एवरज जर्मनी के सीईओ मैनफ्रेड एवरज ने बताया कि वॉन वेल्क्स जर्मनी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेटेंट 5 जोन तकनीक पर आधारित है, जिसे प्रसिद्ध ऑर्थोपेडिक नैचुरोपैथ डॉ. वाल्टर माउच ने विकसित किया था। यह पैरों, घुटनों और पीठ के अच्छे स्वास्थ्य और 12 से अधिक घंटे के खड़े रहने के आराम को बढ़ावा देती है। कंपनी मधुमेह जूते, आर्थोपेडिक जूते और जर्मन 5 जोन तकनीक का उपयोग करके सभी प्रकार की पैरों की समस्याओं के लिए जूते बनाएगी।
अध्यक्ष राजकुमार जैन, समूह के प्रबंध निदेशक सुनील जैन ने कहा कि हमने यीडा को चुना क्योंकि यह दिल्ली एनसीआर में औद्योगिक विकास और वृद्धि के अगले चरण के लिए एक आदर्श स्थान है। नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निकट होने के कारण, उत्कृष्ट एक्सप्रेसवे और सड़क कनेक्टिविटी, व्यापार करने में आसानी और त्वरित अनुमोदन के कारण यह सही विकल्प था। सुनील जैन ने कहा कि वह मुख्यमंत्रीयोगी आदित्यनाथ की भव्य दृष्टि और डा. अरुण वीर सिंह के सक्षम नेतृत्व के तहत यीडा का हिस्सा बनकर उत्साहित हैं और यहां अपने भविष्य के प्रोजेक्ट्स को भी स्थापित करने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
बता दें कि यह परियोजना कोविड के बाद चीन से भारत में आई सबसे बड़ी फुटवियर परियोजनाओं में से एक है। जिसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश को व्यापार और उद्योग का प्रमुख केंद्र बनाने के बड़े कदम के रूप में घोषित किया था। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भी इस परियोजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेक इन इंडिया के लिए एक बड़ी जीत के रूप में बताया था।