नई दिल्ली। वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक को लेकर गठित जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने दावा किया कि वक्फ की संपत्तियों का दुरुपयोग हो रहा है और वो चाहते हैं कि गरीबों की बेहतरी को ध्यान में रखकर कानून बने। न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए जगदंबिका पाल ने कहा कि आज जिस तरीके से वक्फ की संपत्ति का दुरुपयोग हो रहा है, यह विषय जेपीसी कमेटी के पास आया था।
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हम देश के कई राज्यों में गए, जिसमें महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, उड़ीसा, असम, पश्चिम बंगाल, बिहार, यूपी शामिल हैं। हम जम्मू-कश्मीर का दौरा नहीं कर सके। जम्मू-कश्मीर के डेलिगेशन में मीरवाइज हैं, जो एमएमयू (मुताहिदा मजलिस उलेमा) के अध्यक्ष हैं। उन्होंने कहा कि हम मिलना चाहते हैं। हम उनकी राय जानेंगे। इसके साथ एक-दो और डेलिगेशन से मिलेंगे। उसके बाद हम 27 तारीख को क्लॉज बाय क्लॉज बैठक करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि वक्फ बोर्ड कोई धार्मिक बॉडी नहीं है।
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वक्फ बोर्ड एस्टैब्लिशमेंट बॉडी है, जो वक्फ की प्रॉपर्टी की देखरेख करता है। आज जिस तरह से शिकायतें आती हैं कि वक्फ की प्रॉपर्टी का दुरुपयोग हो रहा है, मेरा मानना है कि उसका ठीक से इस्तेमाल हो, उसका फायदा गरीबों को, समाज को और मुसलमानों को मिले, इसलिए इसकी बेहतरी के लिए कानून लाया गया है। उन्होंने कहा कि अब जो बैठक 24, 25 को होनी थी, उसे हमने 27 जनवरी के लिए बढ़ा दिया है। जॉइंट पार्लियामेंट कमेटी का गठन सरकार की पहल पर स्पीकर साहब ने किया था। जब वक्फ पर संशोधन का कानून सरकार लेकर आई, तो उन्होंने खुद कहा था कि हम चाहते हैं कि इस पर और डिटेल डिस्कशन हो।
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उन्होंने कहा था कि इसे हम जेपीसी में रेफर करना चाहते हैं, जिससे कि दोनों हाउस और कमेटी के लोग इसको स्टेकहोल्डर के साथ व्यापक चर्चा करें। यही वजह है कि हमने 27 जनवरी की तारीख तय की है। जगदंबिका पाल ने कहा, “हम चाहते हैं कि अच्छा कानून बने, जिसका लाभ गरीबों, पसमांदा मुसलमानों, विधवा माताओं-बहनों को मिले। एजुकेशन, हेल्थ सेक्टर का विस्तार हो। हमें विश्वास है कि एक अच्छी रिपोर्ट पेश होगी। यह देश के लिए और वक्फ के लिए ऐतिहासिक कानून होगा और वक्फ के उद्देश्य को पूरा करेगा।”