उत्पत्ति से लेकर जीवन के अंतिम क्षणों तक किसी न किसी रूप में मनुष्य को संघर्ष करना पड़ता है। संघर्ष मानव जीवन का पर्याय है, जो कष्टदायी होने के बावजूद भी उद्देश्य प्राप्ति के लिए आवश्यक होता है।
किसी भी सफल व्यक्ति के जीवन की राह में एक चीज सामान्य रूप से पाई जाती है, वह है संघर्ष। जो व्यक्ति को अपने अंदर प्रौढ़ता और परिपक्वता विकसित करने में सबसे अहम भूमिका निभाता है। इसके द्वारा व्यक्ति की इच्छा शक्ति बलवान होती है और धैर्य जैसा गुण स्वयं ही विकसित होने लगता है। वह व्यक्ति को प्रतिकूल परिस्थितियों में भी अपने विश्वास और संकल्प को दृढ़ता से संजोए रखने की क्षमता पैदा करता है।
संघर्ष अपने आप में स्वयं प्रेरणा है। व्यक्ति जब अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए संघर्ष कर रहा होता है, तो उसके अंदर प्रतिकूल अवस्था में विचलित न होने, जीवन की प्रत्येक बाधाओं और कठिनाईयों से स्वत: लड़ने की मानसिक स्फूर्ति और ऊर्जा आ जाती है, जो व्यक्ति को आशावादी बनाए रखती है। संघर्ष के समय हमें अपने भीतर आन्तरिक शक्ति को बनाये रखना सबसे बड़ी चुनौती होती है, परन्तु हमें पूर्ण निष्ठा के साथ स्वयं को अपने लक्ष्य की ओर एकाग्र किये रखना चाहिए। कठिनाईयों में भी अपने भीतर आशा की किरण जगाये रखना आवश्यक है।
जीवन के प्रत्येक क्षण अनुकूल नहीं होते, न ही सबके लिए संसाधन पर्याप्त होते हैं। ऐसे में हमें संघर्षों का रास्ता चुनकर ही सफलता और उद्देश्यों को प्राप्त करना होता है। इसके अतिरिक्त अन्य कोई विकल्प है ही नहीं।