भरतपुर । कुम्हेर थाना क्षेत्र के पचौरा गांव में मंगलवार दोपहर एक मां-बेटी की तालाब में डूबने से मौत हो गई। बेटी तालाब में बकरियों को पानी पिला रही थी, तभी पैर फिसलने से वह तालाब में जा गिरी। मां ने बेटी को तालाब में गिरा देख उसे बचाने के लिए छलांग लगा दी। मां अपनी बेटी को तालाब में डूबने से बचाने के लिए कूदी थी, लेकिन बाहर नहीं आ सकी। दोनों की डूबने से मौत हो गई। सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची एसडीआरएफ की टीम ने दो घंटे की मशक्कत के बाद दोनों के शव बाहर निकाले।
कुम्हेर थाना एसएचओ गौरव कुमार के अनुसार मंगलवार दोपहर पचौरा गांव निवासी नगीना अपनी दो बेटियों ऋषिका और पूनम तथा देवर की बेटी आरती के साथ गांव के बाहर तालाब किनारे बकरियां चरा रही थी। तेज धूप के कारण नगीना, ऋषिका और आरती पेड़ की छांव के नीचे बैठ गई। नगीना की छोटी बेटी पूनम बकरियों को तालाब किनारे पानी पिला रही थी। इसी दौरान उसका पैर फिसल गया और वह तालाब में जा गिरी।
नगीना ने जैसे ही पूनम को तालाब में गिरते देखा, तो उसने भी बेटी को बचाने के लिए तालाब में छलांग लगा दी। मां और छोटी बहन को करीब बीस फीट गहरे तालाब में डूबते देख ऋषिका ने भी उन्हें बचाने के लिए तालाब में छलांग लगाई। इसी दौरान आरती ने तालाब में रस्सी फेंक दी, जिससे ऋषिका तो बच गई, लेकिन नगीना और पूनम तालाब में डूब गई।
ऋषिका और आरती ने गांव पहुंचकर परिजनों को घटना की जानकारी दी। इसके बाद गांव वाले दौड़कर तालाब पर पहुंचे। तब तक नगीना और पूनम तालाब में डूब चुकी थीं। नगीना का शव तालाब के ऊपर आ गया था। जबकि, पूनम का शव नहीं मिलने के कारण एसडीआरएफ को सूचना दी गई। एसडीआरएफ के गोताखोरों की मदद से करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद पूनम का शव बाहर निकाला जा सका। दोनों शव कुम्हेर अस्पताल की मोर्चरी में रखे गए हैं।