नई दिल्ली। इंडिगो के एक यात्री ने एयरलाइन के साथ अपने जीवन का ‘सबसे खराब उड़ान अनुभव’ और निराशा को सोशल मीडिया पर साझा किया। इसके बाद एयरलाइन को आलोचना का सामना करना पड़ा। शुक्रवार को रात 10 बजे की कोलकाता-बेंगलुरु फ्लाइट लगातार 7 घंटे की देरी के कारण यात्रियों के लिए एक बुरे सपने में बदल गई।
एक यात्री ने अपने एक्स अकाउंट से पोस्ट किया, ”कल रात मुझे इंडिगो के साथ अपने जीवन का सबसे खराब उड़ान अनुभव हुआ। मेरी रात 10 बजे की कोलकाता-बेंगलुरु फ्लाइट 6 घंटे की देरी के बाद सुबह 4:41 बजे रवाना हुई, जिस वजह से मेरी एक इंटरनेशनल फ्लाइट छूट गई। इंडिगो का ‘ऑलवेज ऑन-टाइम’ यह एक झूठा विज्ञापन है। मैं दोबारा इस फ्लाइट में यात्रा करने से बचूंगा।”
असंतुष्ट यात्री के अनुसार, इंडिगो, छह घंटे से ज्यादा की देरी का सामना करने के बावजूद, विमानन कानूनों के अनुसार अनिवार्य वैकल्पिक उड़ान और रिफंड की पेशकश करने में विफल रही।
यात्री ने आधे घंटे से लेकर चौंका देने वाले चार घंटे तक की देरी के क्रम को रेखांकित किया। इसके बाद फ्लाइट सुबह 4.41 बजे रवाना हुई और सुबह 7.02 बजे अपने गंतव्य पर पहुंची।
यात्री ने निराश होकर रात करीब 12.20 अपने अपनी इंडिगो उड़ान रद्द करने और सैन फ्रांसिस्को के लिए सीधी फ्लाइट बुक करने का फैसला लिया। यात्री ने दावा किया कि इंडिगो टीम को उनकी फ्लाइट रद्द करने और उनका चेक-इन सामान वापस करने में 2.20 बजे तक अतिरिक्त दो घंटे लग गए।
यात्री ने आरोप लगाया कि शुरू में इंडिगो के कर्मचारियों ने कहा कि यह देरी सिर्फ नियमन प्रक्रिया है, जिसे यात्री ने खारिज कर दिया। जबकि ये देरी कोहरे की वजह से नहीं हुई थी। जबकि कुछ उड़ानों में कोहरे के कारण लगभग एक घंटे की देरी हुई।
इसके अलावा उनकी मुलाकात एक ऐसे व्यक्ति से हुई, जिसने उन्हें अंतर्राष्ट्रीय यात्रा के लिए उड़ानों के बीच कम से कम बारह घंटे का समय रखने की सलाह दी।
अपनी निराशा व्यक्त यात्री ने पोस्ट किया, “अन्य लोगों के समय और धन के लिए बिल्कुल भी सम्मान नहीं।” यात्री के ट्वीट के जवाब में इंडिगो ने एक बयान जारी किया।
इंडिगो ने यात्री को हुई असुविधा के लिए खेद व्यक्त किया। एयरलाइन ने कहा कि यह वह अनुभव नहीं है, जिसे हम देना चाहते हैं। हम जानते हैं कि आपकी यात्रा कितनी महत्वपूर्ण हैं। हमने आपको पूरा भुगतान भी कर दिया है, जो आपको 5 से 7 दिन के अंदर मिल जाएगा।
एयरलाइन ने यात्रियों की व्यवस्था के महत्व को स्वीकार किया और दावा किया कि ऐसे अनुभव उनकी सेवा के इच्छित स्तर को प्रतिबिंबित नहीं करते थे।