Friday, November 15, 2024

कौन हैं अरुणाचल प्रदेश के नाबम बापू और लिखा नाना, जिनकी 3-डी प्रिंटिग टेक्नोलॉजी के कायल हो गए पीएम मोदी

नई दिल्ली। पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में देश से जुड़े कई मुद्दों का जिक्र किया। उन्होंने अरुणाचल प्रदेश के युवा साथियों के 3-डी प्रिंटिग टेक्नोलॉजी की भी तारीफ की। पीएम ने कहा, “पशुओं के प्रति प्रेम में हमारे अरुणाचल प्रदेश के युवा साथी भी किसी से पीछे नहीं हैं। अरुणाचल में हमारे कुछ युवा-साथियों ने 3-डी प्रिंटिग टेक्नोलॉजी का उपयोग करना शुरू किया है।

 

जानते हैं क्यों? क्योंकि, वो वन्य जीवों को सींगों और दांतों के लिए शिकार होने से बचाना चाहते हैं।” उन्होंने कहा कि नाबम बापू और लिखा नाना के नेतृत्व में ये टीम जानवरों के अलग-अलग हिस्सों की 3-डी प्रिंटिग करती है। जानवरों के सींग हों, दांत हों, ये सब, 3-डी प्रिंटिग से तैयार होते हैं। इससे फिर ड्रेस और टोपी जैसी चीजें बनाई जाती हैं। ये गजब का विकल्प है, जिसमें जैव-निम्नीकरणीय सामग्री का उपयोग होता है। ऐसे अद्भुत प्रयासों की जितनी भी सराहना की जाए कम है। उन्होंने असम के तिनसुकिया जिले के बारेकुरी गांव में रहने वाले ‘हूलॉक गिबन’ का भी जिक्र किया।

 

 

पीएम मोदी ने कार्यक्रम के दौरान कहा, “इंसानों और जानवरों के प्यार पर आपने कितनी सारी फिल्में देखी होंगी। लेकिन, एक रियल स्टोरी इन दिनों असम में बन रही है। असम में तिनसुकिया जिले के छोटे से गांव बारेकुरी में मोरान समुदाय के लोग रहते हैं। और यही रहते हैं ‘हूलॉक गिबन’, जिन्हें यहां ‘होलो बंदर’ कहा जाता है। हूलॉक गिबन ने इस गांव में ही अपना बसेरा बनाया है।’’ पीएम मोदी ने इंसान और जानवर की दोस्ती के बारे में कहा, “आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इस गांव के लोगों का हूलॉक गिबन के साथ बहुत गहरा संबंध है। गांव के लोग आज भी अपने पारंपरिक मूल्यों का पालन करते हैं। इसलिए उन्होंने वो सारे काम किए, जिससे गिबन्स के साथ उनके रिश्ते और मजबूत हों।

 

 

उन्हें जब यह एहसास हुआ कि गिबन को केले बहुत पसंद हैं तो उन्होंने केले की खेती भी शुरू कर दी।” पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने तय किया कि गिबन के जन्म और मृत्यु से जुड़े रीति-रिवाजों को वैसे ही पूरा करेंगे। जैसा वे अपने लोगों के लिए करते हैं। उन्होंने गिबन को नाम भी दिए हैं। हाल ही में गिबन को पास से गुजर रहे बिजली के तारों के कारण मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था। ऐसे में इस गांव के लोगों ने सरकार के सामने इस मामले को रखा और जल्द ही इसका समाधान भी निकाल लिया गया। मुझे बताया गया है कि अब ये गिबन तस्वीरों के लिए पोज भी देते हैं।

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