नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को इस बात के लिए फटकार लगाई है कि पत्रकार और फैक्ट चेक से जुड़ी वेबसाइट ऑल्ट न्यूज के संस्थापक मोहम्मद जुबैर के खिलाफ अगस्त 2020 में आपत्तिजनक ट्वीट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई। जस्टिस अनूप जयराम भांभानी की बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 14 सितंबर को करने का आदेश दिया।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा कि आपने मोहम्मद जुबैर के खिलाफ सभी कार्रवाई की लेकिन अब कह रहे हैं कि जुबैर के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है क्योंकि कोई साक्ष्य नहीं है लेकिन जुबैर के खिलाफ जिसने आपत्तिजनक ट्वीट किया उसके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई।
जस्टिस भांभानी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हेट स्पीच के मामले पर पुलिस स्वत: कार्रवाई करे। तब दिल्ली पुलिस ने कहा कि वो सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का पालन करेगी। तब कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को ताजा स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।
दो मार्च को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा था कि आपने जुबैर का नाम चार्जशीट में नहीं दिया। लेकिन आपने जुबैर के खिलाफ आपत्तिजनक ट्वीट करने वालों के खिलाफ क्या कार्रवाई की। आपने जगदीश सिंह के खिलाफ क्या किया। 5 जनवरी को दिल्ली पुलिस ने कहा था कि जुबैर का अगस्त 2020 ट्विटर पर एक युजर्स के ट्वीट के जवाब में कोई अपराध घटित नहीं हुआ है। पहले दिल्ली पुलिस ने जुबैर के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज किया था। दिल्ली पुलिस की ओर से वकील नंदिता राव ने कोर्ट से कहा था कि संबंधित एफआईआर की चार्जशीट में जुबैर को आरोपित नहीं बनाया गया है। उसके बाद कोर्ट ने चार्जशीट कोर्ट के रिकॉर्ड में दाखिल करने का निर्देश दिया।
मामला अगस्त 2020 के एक ट्वीट से जुड़ा हुआ है। इस ट्वीट में जुबैर ने एक युजर के प्रोफाइल पिक्चर को शेयर किया था और पूछा था कि क्या उसे अभद्र भाषा में बात करना ठीक है। प्रोफाइल पिक्चर में युजर की पोती का फोटो लगा हुआ था। जुबैर ने अपने जवाबी ट्वीट में युजर के प्रोफाइल पिक्चर में युजर की पोती के फोटो को धुंधला कर दिया था। जुबैर ने अपने जवाबी ट्वीट में कहा था कि ‘ हेलोxxx, क्या आपकी क्युट पोती ये जानती है कि आपका पार्ट टाइम जॉब लोगों को सोशल मीडिया पर गाली देना है। मैं आपको सलाह देता हूं कि आप अपना प्रोफाइल पिक्चर बदल लें।‘ इसके बाद संबंधित युजर ने जुबैर के खिलाफ कई शिकायतें दर्ज कराई। युजर ने आरोप लगाया कि जुबैर ने उसकी पोती के खिलाफ साइबर यौन उत्पीड़न किया है।
दिल्ली में दर्ज एफआईआर में जुबैर के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के अलावा भारतीय दंड संहिता की धारा 509(बी) और आईटी एक्ट की धारा 67 और 67ए के तहत आरोप लगाए गए। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने मई 2022 में कोर्ट से कहा था कि जुबैर के खिलाफ कोई संज्ञेय अपराध नहीं बनता है। हालांकि राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने कोर्ट से कहा कि पुलिस ने अपने स्टेटस रिपोर्ट में उससे कहा था कि जुबैर जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। हाईकोर्ट ने 9 सितंबर 2020 को जुबैर की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगाया था।