नयी दिल्ली – उच्चतम न्यायालय ”मोदी उपनाम” टिप्पणी मामले में सजा पर रोक लगाने से इनकार करने के गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा। राहुल की सांसदी रहेगी या 6 साल तक वे नहीं लड़ पाएंगे चुनाव, इसके लिए शुक्रवार का चुनाव महत्वपूर्ण है।
सूरत की एक अदालत ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता पूर्णेश मोदी द्वारा दायर मानहानि मामले के बाद राहुल गांधी को दो साल जेल की सजा सुनाई थी।
उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति बी आर गवई की अध्यक्षता में दो न्यायाधीशों की पीठ में न्यायमूर्ति प्रशांत मिश्रा भी शामिल हैं। यह पीठ राहुल गांधी की अपील पर सुनवाई करेगी।
कांग्रेस नेता और अयोग्य लोकसभा सांसद राहुल गांधी ने 15 जुलाई को उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और गुजरात उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें ‘मोदी उपनाम’ टिप्पणी पर आपराधिक मानहानि मामले में उनकी सजा पर रोक लगाने की याचिका खारिज कर दी गई थी।
गुजरात उच्च न्यायालय के न्यायाधीश हेमंत एम प्रच्छक ने 02 मई को फैसला सुरक्षित रखा और 07 जुलाई को फैसला सुनाया। न्यायालय ने राहुल और शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी की दलीलों को विस्तार से सुनने के बाद फैसला सुनाया था।
राहुल के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ अभिषेक मनु सिंघवी ने सुनवाई में न्यायालय से शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी के अधिकार क्षेत्र के बारे में सवाल किया था। डा़ सिंघवी ने कहा “मेरा मामला यह है कि यह अपील सफल होनी चाहिए क्योंकि कानून ऐसी शिकायतों की अनुमति नहीं देता है। भाषण में नामित लोगों को छोड़कर 13 करोड़ लोगों में से कोई भी (मोदी उपनाम के साथ) आकर शिकायत दर्ज नहीं कर सकता है।