गोंडा। आम आदमी पार्टी के नेता अवध ओझा ने हार को राजनीति की एक सामान्य प्रक्रिया बताया है। ओझा ने इस बात पर खुशी जताई कि उन्हें 50 हजार लोगों का समर्थन मिला। ये बातें उन्होंने अपने गृह जनपद गोंडा में कही। उत्तर प्रदेश के गोंडा में अपने समर्थकों से जनसंपर्क के दौरान मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैं पहली बार राजनीति में आया था और मुझे 50,000 लोगों का समर्थन मिला।
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यह मेरे लिए गर्व की बात है कि इतने लोगों ने मुझ पर विश्वास किया। जहां एक बहुत पुराने कांग्रेस नेता की जमानत जब्त हो गई, वहीं हमें बड़े पैमाने पर आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं और जनता-जनार्दन का समर्थन मिला। यह हमारे राजनीतिक करियर की शुरुआत थी और हमें खुशी है कि नेता के रूप में मान्यता मिली। हार को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, “जहां तक हार का सवाल है, तो यह सामान्य है। मैंने शुरुआत से ही कहा था कि यह मेरी व्यक्तिगत हार है, क्योंकि मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों से कनेक्ट नहीं हो सका।
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मुझे मात्र 25 दिन का समय मिला था। अगली बार मैं ज्यादा प्रयास करूंगा ताकि मैं अपने लोगों से और बेहतर तरीके से जुड़ सकूं और उनकी उम्मीदों पर खरा उतर सकूं।” दिल्ली में 27 साल बाद भाजपा ने प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाई है। वहीं इस बार के विधानसभा चुनाव में दिल्ली की सत्ता पर 10 साल से काबिज रही आम आदमी पार्टी (आप) को करारी शिकस्त मिली। पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और कई दिग्गजों को हार का सामना करना पड़ा।
पार्टी ने उन्हें अवध ओझा को पटपड़गंज सीट से टिकट थमाया था, लेकिन वो भारतीय जनता पार्टी के रविंदर सिंह नेगी से 28,072 वोटों के अंतर से चुनाव हार गए थे। भाजपा प्रत्याशी रवि नेगी को 74,060 वोट मिले। वहीं, आप उम्मीदवार अवध ओझा को 45,988 मत प्राप्त हुए। जबकि कांग्रेस प्रत्याशी अनिल कुमार 16,549 वोट के साथ तीसरे नंबर पर रहे।