Sunday, November 24, 2024

अनमोल वचन

यह एक सर्वमान्य सत्य है कि वृद्धावस्था में शारीरिक शक्तियां क्षीण होने लगती है। संघर्ष करने की क्षमता नाम मात्र की रह जाती है। कभी-कभी वृद्ध व्यक्ति संघर्षों से लड़ते निराश होने लगता है, परन्तु कुछ भी हार नहीं माननी चाहिए। अपना मनोबल बनाये रखना चाहिए।

किसी कार्य में उतावलापन न दिखाये। धैर्य और संयम सदैव बनाये रखें। अपनी योग्यता और क्षमतानुसार हल्के-फुलके आसन, व्यायाम, प्राणायाम तथा प्रात: सांय भ्रमण करना चाहिए। हमेशा प्रसन्नचित्त रहे, स्वयं हंसे और दूसरों को भी हंसाये। ऐसे प्रयास रखे, जिससे दूसरों को भी आनन्द और खुशियां मिले और आप भी खुश रहे।

अपनी रूचि के अनुकूल सामाजिक कार्यों, मानव कल्याण कार्यों, बागवानी, पशु पालन पढऩे-पढ़ाने आदि में समय व्यतीत करे। आपका व्यवहार सभी से ऐसा होना चाहिए कि आपके जाने के बाद वे लोग भी आंसू बहाये, जिनसे आपका कोई पारिवारिक रिश्ता भी नहीं है।

सामाजिक व पारिवारिक कार्यों से जितना भी समय मिले वह समय स्वाध्याय, सत्संग और प्रभु स्मरण में व्यतीत करें। व्यर्थ के विवादों में समय नष्ट न करें, अपने पारिवारिक उत्तरदायित्वों को पूरा करते हुए भूलें अवश्य हुई होंगी। उनका प्रायश्चित अपने विवेक से करें। ईश्वर और मृत्यु को याद रखते हुए शुभ कर्म करते रहे। प्रभु का धन्यवाद बार-बार करे। गमों को भुलाकर दूसरों को खुशियां दो, हंसते रहो हंसाते रहो।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,306FansLike
5,466FollowersFollow
131,499SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय