Thursday, January 23, 2025

अनमोल वचन

मातृपितृ दिवस पर आज के बच्चों को युवाओं को एक सीख जो उन्हें कभी भूलना नहीं चाहिए कि इतिहास अपने आपको सदैव दोहराता है। आज जो बोओगे वह कल काटोगे। आज जहां तुम हो, वहां एक दिन तुम्हारे मां-बाप थे और जहां तुम्हारे मां-बाप आज हैं, कल तुम वहां होंगे।

कैसे मां-बाप ने तुम्हें पाला, पोसा, जब तुम बचपन में बिस्तर गीला करते थे तो मां खुशी-खुशी गीले में सोकर तुम्हें सूखे में सुलाती थी। बचपन में मां-बाप उंगली पकड़कर चलना सिखाते थे। आज मां-बाप यदि उदास हैं तो उनकी उदासी का कारण जाने उसे दूर करने का प्रयास करें।

बचपन में कितने भी भाई-बहन थे, मां-बाप ने उन्हें नहीं बांटा फिर आज तुम अपने मां-बाप को क्यों बांटते हो, छह महीने एक भाई के पास छह महीने दूसरे भाई के पास। हम लोग वृद्धाश्रम में नहीं घरों में रहने में विश्वास करते हैं। इसलिए दोनों पीढ़ी थोड़ा-थोड़ा बदले। बच्चा जब 5-6 वर्ष का होता है, उनके लिए मां-बाप से बढ़कर कोई नहीं होता।

10-10 वर्ष की आयु में उसे मां-बाप बहुत समझदार ज्ञानी लगते हैं, 15-20 वर्ष की आयु में उन्हें लगता है कि उनके मां-बाप दूसरों से पीछे हैं, 20-25 वर्ष की आयु में उनके मां-बाप कड़ी मेहनत करने की सलाह देते हैं, इधर-उधर बेकार घूमने को मना करते हैं, तो मां-बाप पिछड़े लगते हैं और 25-30 की आयु में जब शादी हो जाती है तो उन्हें लगता है कि मां-बाप केवल कमियां निकालना जानते हैं।

नई नवेली के लिए मां-बाप का अपमान करने और कभी-कभी घर छोडऩे को तैयार हो जाते हैं, लेकिन उन्हें होश तब आता है, जब वे स्वयं ऐसी स्थिति में आ जाते हैं और उन्हें लगता है कि मां-बाप की सलाह और आशीर्वाद कितना जरूरी है, परन्तु तब तक मां-बाप संसार को अलविदा कर चुके होते हैं।

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