गाजियाबाद। नोएडा प्राधिकरण टेंडर घोटाले में बयान दर्ज करा चुके प्राधिकरण के पूर्व मुख्य कार्यपालक अधिकारी रमा रमन की अग्रिम जमानत सीबीआई/ईडी कोर्ट ने खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि वर्तमान मामले से संबंधित किसी भी एफआईआर/आरोप पत्र में न तो आवेदक को आरोपी के रूप में नामित किया गया है और न ही आवेदक की कोई संपत्ति प्रवर्तन निदेशालय द्वारा कुर्क की गई है। वहीं, ईडी ने कहा कि जांच अभी शुरुआती चरण में है। अग्रिम जमानत आवेदन पर विचार करने का कोई औचित्य नहीं है।
रमा रमन ने अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल कर कहा था कि 24 जुलाई 1987 को भारतीय सिविल सेवा में शामिल हुए। कैडर अधिकारी और उत्तर प्रदेश के विभिन्न विभागों में सेवा की है। भारत सरकार के गृह मंत्रालय के साथ-साथ कई सार्वजनिक उपक्रमों में भी सेवा की है। आवेदक ने नवंबर 2010 से जुलाई 2011 और फिर नवंबर 2011 से दिसंबर 2011 के पहले सप्ताह और फिर जनवरी 2013 से अप्रैल-मई 2016 जैसे विभिन्न अंतरालों के दौरान मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में नोएडा (प्राधिकरण) में कार्य किया है।
मुजफ्फरनगर के बरवाला में बड़े भाई ने सगे छोटे भाई को धारदार हथियार से गर्दन काट कर मार डाला
कार्यकाल के दौरान अतिरिक्त प्रभार और कभी-कभी नोएडा (प्राधिकरण) के अध्यक्ष-सह-सीईओ का दोहरा प्रभार भी था। 34 वर्षों की सार्वजनिक सेवा के बेदाग ट्रैक रिकॉर्ड के साथ 31 मई 2021 को सेवानिवृत्त हो चुके हैं। दबाव में जांच एजेंसियां व्यक्तिगत स्वतंत्रता को वंचित कर सकती हैं। कहा कि हमेशा निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से काम किया है। अपने आधिकारिक कर्तव्यों का पालन करते हुए अग्रिम जमानत के लिए प्रार्थना की है।