Sunday, February 23, 2025

अनमोल वचन

अपने को हीन समझना और परिस्थितियों के सामने आत्मसमर्पण कर देना आत्म हनन के समान है। तुम्हारे भीतर ईश्वरीय शक्ति है, जिसके द्वारा तुम सब कुछ करने में समर्थ हो, तुम परिस्थितियों को प्रतिकूल से अनुकूल बनाकर उन्हें बदल सकते हो, तुम ही तो वह हो, जो समय का प्रवाह मोड़ सकते हो।

तुम हीन नहीं हो, तुम दीन नहीं हो, क्योंकि तुम उस सर्वशक्तिमान, सर्वलोक पूज्य परमपिता परमात्मा की संतान हो।

प्रभु के प्रति विश्वास के सहारे हीनता के मिथ्या संस्कारों को मिटाकर महान बन जाओ। ऐसा कोई दोष नहीं, जो तुम्हारे भीतर हो और उसे तुम दूर न कर सको। ऐसी कोई परिस्थिति नहीं जिस पर तुम विजय न प्राप्त कर सको। बस ईश्वर पर, ईश्वर कृपा पर, ईश्वरीय शक्ति पर और साथ ही अपनी क्षमता तथा अपने पुरूषार्थ पर भरोसा होना चाहिए।

जब तुम्हारी ईश्वर में पूर्ण आस्था हो जायेगी, विश्वास पैदा हो जायेगा, तब निश्चय ही अपने भीतर (आत्मा) के आदेशों के अनुरूप ही स्वयं को ढाल लोंगे, उनके अनुकूल ही चलने लगोगे। ऐसा होते ही ईश्वरीय शक्तियां तुम्हारी सहायता करने लगेंगी तथा तुम्हारे सामने समर्पण कर देंगी।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,854FansLike
5,486FollowersFollow
143,143SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय