मत मर, मत डर, बे मौत न मरो, भयभीत न हो। निराशा और उत्साह हीन रहकर जीना भी तो मृत्यु के समान है। यदि कोई तुम्हारा साथ नहीं देता तो उसकी चिंता न करें, तुम स्वयं तो अपने साथ सहयोग करो। घबराओ मत सशंकित न हो, संशयीन बने, मृतों के समान न जीये, जीते जी मत मरो। कायर जीवन भर भय से मर-मर कर जीते हैं, पग-पग, क्षण-क्षण में मरते रहते हैं, किन्तु जीवनवान निर्भय होकर जीते हैं और जीवित जीवन की ज्योति जगमगाते हुए महाप्रयाण करते हैं।
यदि तुम्हारा धन सर्वस्व नष्ट हो गया हो तो अमूल्य जीवन धन तो तुम्हारे पास है। यदि परिस्थितियां तुम्हारे प्रतिकूल है तुम्हारी सुमति (अच्छी बुद्धि) तो तुम्हारे अनुकूल है। यदि बाधाओं ने तुम्हारे पथ को निरूद्ध कर दिया है तो साहस की टक्करों से उन्हें गिराकर अपना मार्ग प्रशस्त करे। जब तक जिये आत्म सम्मान के साथ जिये, ठाठ के साथ जिये, आन के साथ जिये, शान के साथ जिये, विजयी बनकर जिये। भगवान से भी प्रार्थना करे, कुछ मांगे तो अपने लिए केवल सद्बुद्धि मांगे, आत्म शक्ति मांगे, जो कुछ मांगे जगत के कल्याण के लिए मांगे।