Wednesday, February 5, 2025

अनमोल वचन

दुख-सुख, अमीरी-गरीबी जीवन के ऐसे पक्ष हैं, जो प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में उसके पूर्व जन्मों में किये गये कर्मों के आधार पर लिखे गये भाग्य के अनुसार प्राप्त होते हैं या यूं कहे कि उन्हें उसी के अनुसार भोगना पड़ा है। परमेश्वर भी चाहता है कि हम उसे याद रखें ताकि हम बुरे कर्मों से बचे रहें और किसी के साथ अन्याय न करें। इसलिए वह सभी को किसी न किसी अभाव और दुख से सामना कराता रहता है ताकि हम जीवन के यथार्थ को भूले नहीं तथा हम अहंकार से दूर रहें। मनुष्य की एक दुर्बलता यह है कि उसके पास कुछ अधिक हो जाये, कोई अच्छा सा पद प्राप्त कर ले अथवा किसी विद्या या कला में पारगंत हो जाये तो वह शीघ्र ही अहंकार करने लगता है। उस व्यक्ति के लिए यही शिक्षा है कि यदि हम अपने को धनवान मानते हैं तो यह सच्चाई भी जान लीजिए कि संसार में उससे बहुत-बहुत अधिक धनवान है। यदि वह किसी ऊंचे पद पर आसीन है तो ऐसे बहुत हैं, जो उससे भी बड़े-बड़े पदों पर बैठे हैं वह स्वयं को बहुत विद्वान, दानी, बलशाली मानता है तो उससे भी बड़े-बड़े विद्वान, दानी और बलशाली इस संसार में अनेको हैं और फिर यह सत्य भी उसके संज्ञान में होना चाहिए कि बड़े से बड़े प्रतापी राजा महाराजा, बड़े से बड़े योद्धा, बड़े से बड़े विद्वान, बड़े से बड़े दानी, परोपकारी और यहां तक कि जिन्हें हम अवतार मानकर पूजते हैं वे भी सदा संसार में नहीं रहे। वह भी नहीं रहेगा। एक दिन यह सब वैभव यही छोड़कर इस नश्वर संसार से विदा हो जायेगा। यहां कुछ भी टिकने वाला नहीं है। फिर अहंकार किस बात का करता है।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,854FansLike
5,486FollowersFollow
143,143SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय